नौजवानों के क्रांतिकारी मानस के प्रकाश-स्तंभ भगत सिंह
भगत सिंह मात्र 18 बर्ष की उम्र में 1925 में लाहौर में गठित नौजवान भारत सभा के महासचिव बने और 23 मार्च 1931
"देश को एक आमूल परिवर्तन की आवश्यकता है. और जो लोग इस बात को महसूस करते हैं उनका कर्तव्य है कि साम्यवादी सिद्धांतों पर समाज का पुनर्निर्माण करें. जब तक
ये वंद लेख लोकसभा-2014 के चुनावों की पूर्व-बेला में हमारे देश की सत्ता के दरयाजै दस्तक हे रही तनाव-तबाही और तानाशाही की हकीकत को समझने और उनसे आगाह रहने के
"पूर्ण रूप से विकसित प्रकृतिवाद के रूप में (यह) कम्युनिज्म मानवतावाद के समकक्ष होता है, और पूर्ण रूप से विकसित मानवतावाद के रूप में प्रकृतिवाद के बराबर होता हैं. मनुष्य
सामाजिक बदलाव के महानायक कामरेड रामनरेश राम
गरीब-मेहनतकशों की राजनैतिक दावेदारी के प्रेरणास्रीत
कामरेड रामनरेश राम के प्रथम स्मृति दिबस
26 अक्टूबर 2011 के अवसर पर
भाकपा (माले), भोजपुर जिला कमेटी की ओर से
भारतीय क्रांति के लौहपुरुष नागभूषण पटनायक
भूमिका के वदले में
नागभूषण पटनायक का व्यक्तित्व बहुआयामी था. वे एक राजनितिक नेता थे, एक विचारक, एक कवि थे, सब कुछ जैसे एक में सन्निहित.
एक क्रांतिकारी पार्टी के बिना क्रांति कभी सफल नहीं हो सकती. जो पार्टी दृढ़ रूप से माओ विचारधारा पर आधारित है आत्म बलिदान से प्रेरित लाखों-लाख मजदूर-किसान व मध्यमवर्गीय युवकों
आजादी के पचास बर्ष
भारतीय लोकतंत्र व उत्तराखण्ड आंदोलन
उत्तराखण्ड की लड़ाई को लड़ने के लिए मोर्चो पर लड़ना होगा. शासन के दमन के साथ साम्प्रदायिक व जातीयता, क्षेत्रीयता फैलाने वाली ताकतों
नोयडा भूमि आधिग्रहण विवाद में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पनी
"निर्णय करने के पहले हम इस बात को फिर कहना आवश्यक समझते हैं कि भूमि आधिग्रहण एक गंभीर मामला है और 1894
मेरे सपनों का भारत निस्संदेह एक अखंड भारत है जहां एक पाकिस्तानी मुसलमान को अपने विवर्तन की जड़ें तलाशने के लिए किसी 'वीसा' (ठहरने का अनुमति पत्र) की आवश्यकता नहीं
मार्क्सवादी जनशिक्षा पुस्तिका :
प्रकाशक की ओर से
मार्क्सवाद के गम्भीर अध्ययन की जरूरत आज के दौर में इस वजह से भी अत्यधिक बढ़ गई है कि पूर्वी यूरोप के समाजवादी देशों