भाकपा-माले बिहार विधानसभा चुनाव में 96 सीटों पर उतारेगी अपने प्रत्याशी

पटना 11 सितंबर 2015
माले राज्य सचिव कुणाल और पोलित ब्यूरो सदस्य कॉ. धीरेन्द्र झा ने संयुक्त रूप से कहा है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में माले 96 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इन सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी पूरी तरह से तैयार है.
नेताद्वय ने कहा कि इस बार बिहार में 6 वाम दल संयुक्त रूप से वाम ब्लॉक कर चुनाव लड़ रहे हैं. वाम दलों की बैठक में भाकपा-माले की 78 सीटें क्लीयर हो चुकी हैं. शेष 18 सीटें भी एक-दो दिन में क्लीयर हो जाएंगी.
नेताओं ने आगे कहा कि बिहार में सामंती आधार पर चोट किए बिना सांप्रदायिक ताकतों से मुकाबले की बात लफ्फाजी के सिवा कुछ नहीं है। आज नीतीश कुमार और लालू प्रसाद सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने का दावा करते हैं, लेकिन सामंती ताकतों के खिलाफ एक शब्द तक नहीं बोलते. कोबरास्टिंग के खुलासे के बाद भी ये नेता इस विषय में एक शब्द नहीं बोल रहे. जबकि उसके खुलासे में यह स्पष्ट है कि रणवीर सेना जैसी नरभक्षी ताकतों को भाजपा नेताओं का संरक्षण हासिल था. भाकपा-माले इस चुनाव का प्रमुख मुद्दा बनाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि दूसरी ओर राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर माले के राष्ट्रीय महासचिव कॉ. दीपंकर भट्टाचार्य और अन्य वाम नेताओं और जनांदोलन के नेताओं पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. हत्यायें हो रही हैं और नेताओं का दमन हो रहा है. इस पर अविलंब रोक लगनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि चुनाव के दरम्यान ही दूर्गापूजा और मोहर्रम जैसे पर्व-त्योहार हैं. जैसा कि भाजपा व संघ परिवार का इतिहास है, वह पर्व-त्योहारों को सांप्रदायिक रंग देने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की साजिशें रचती है. हाल के समय में छोटी-छोटी घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देने की अनेकानेक घटनायें घटी हैं. इसलिए इन ताकतों द्वारा सांप्रदायिक उन्माद-उत्पात पैदा करने व सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिशों पर कड़ी निगाह रखी जाए.
तमाम दावों के बावजूद भयमुक्त, निष्पक्ष तथा गरीब-कमजोर तबके के वोटरों के वोट की गारंटी एक स्वप्न ही बना हुआ है. कई जगहों पर अब भी कमजोर वर्ग के मतदान केंद्र दबंगों के कब्जे में है. इसलिए एक बार फिर मतदान केंद्रों की समीक्षा की जाए, कमजोर वर्ग के मतदाताओं से इस सिलसिले में आवेदन मंगाये जाएं और उनके वोट की गारंटी के लिए चलंत मतदान केंद्र व अन्य जरूरी उपाय किये जाएं.
पूरे बिहार में भाजपा, जदयू-राजद सरीखी पार्टियों द्वारा धनबल का बेतहाशा प्रदर्शन व सत्ता का दुरूपयोग करते हुए अवैध तरीके से भारी पैमाने पर होर्डिंग-पोस्टरिंग व वाल राइटिंग की गयी है. इसे तत्काल हटाया जाए और इन पार्टियों द्वारा धनबल के बेइंतहा इस्तेमाल पर नजर रखी जाए और समुचित कदम उठाये जाएं.

 

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