“पूर्ण रूप से विकसित प्रकृतिवाद के रूप में (यह) कम्युनिज्म मानवतावाद के समकक्ष होता है, और पूर्ण रूप से विकसित मानवतावाद के रूप में प्रकृतिवाद के बराबर होता हैं. मनुष्य और प्रकृति के बीच के तथा नुष्य और मनुष्य के बीच के अंतर्द्वंद्व का वह सच्चा समाधान होता है — वह अस्तित्व और सारतत्व के बीच के, विषयीकरण और आत्मपुष्टिकरण के बीच के, व्यक्ति तथा प्रजाति के बीच के संघर्ष का वास्तविक समाधान होता है. इतिहास की पहेली का समाधान ही कम्युनिज्म है, और इस बात को स्वयं जानता है कि वह यह समाधान है.”