आजादी के पचास बर्ष
भारतीय लोकतंत्र व उत्तराखण्ड आंदोलन
उत्तराखण्ड की लड़ाई को लड़ने के लिए मोर्चो पर लड़ना होगा. शासन के दमन के साथ साम्प्रदायिक व जातीयता, क्षेत्रीयता फैलाने वाली ताकतों से भी लड़ना होगा और इनकी साजिशों को भी बेनकाब करना होगा. उत्तराखण्ड की लड़ाई के साथ इस क्षेत्र को नष्ट और भ्रष्ट कर रही शराब व जंगल माफियाओं की संगठित व शक्तिशाली ताकतों मे भी लड़ना होगा तथा उत्तराखण्ड की लड़ाई को यहाँ की भूमि सुधार व्यबस्था के साथ जोड़ना होगा ताकि एक वैचारिक माहौल के साथ यहाँ की मेहनतकश जनता को इसका हक मिल सके.
— विनोद मिश्र
20 दिसम्बर 1994