ये वंद लेख लोकसभा-2014 के चुनावों की पूर्व-बेला में हमारे देश की सत्ता के दरयाजै दस्तक हे रही तनाव-तबाही और तानाशाही की हकीकत को समझने और उनसे आगाह रहने के इरादे से यहाँ इकट्टे किए गए हैं. अनुमान है कि इन चुनावों में विभिन्न राजनीतिक पार्टियां 500 करोड़ डालर सर्च कर रही हैं. ये लेख इस बातका खुलासा करेंगे क्यों देश के सबसे बड़े पूंजीपति अब मोदी के लिए सब कुछ दांव पर लगाए हुए हैं, जबकि इन्हीं पूंजीपति घरानों ने पिछले दस में कांग्रेस सरकारों में हुए तमाम घोटालों की मलाई काटी थी.
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ये पुस्तिका उन सभी भारतवासीयों को समर्पित है जो हिन्दुस्तान की आजादी की लड़ाई के मूल्यों और इंसानियत को प्यार करते हैं, जो भारत पर साम्प्रदायिक तानाशाही, पूंजीवादी लूट और झूट की ताकतों का कब्जा कतई न होने देंगे.