उत्तराखंड के हल्द्वानी में अभाकिम का महाधरना – एक रिपोर्ट

महाधरना 25 मई हल्द्वानी - 2अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले 25 मई को सैकड़ों किसानों ने उत्तराखंड में हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में महाधरना दिया और उपजिलाधिकारी हल्द्वानी के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री के नाम खत्तावासियों व भाबर के किसानों की मांगों से सम्बंधित ज्ञापन सोंपा . नक्सलबाड़ी किसान विद्रोह के पचास वर्ष शुरू होने पर आयोजित इस महाधरना में आए किसानों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की हरीश रावत सरकार लगातार किसानों की उपेक्षा कर रही हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के कारण आज देश में किसान आत्महत्याएं बढ़ रही है तथा उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर किसानों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज देश और प्रदेश का किसान सूखे और कर्ज से तबाह है पर राज्य व केंद्र की सरकारें किसानों के बजाए पूंजीपतियों को लाखों करोड़ रूपए की राहत देने में लगी हैं.

कामरेड शर्मा ने आरोप लगाया कि अपने लिए लोकतंत्र की दुहाई देने वाले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भूमाफिया के हित में बिन्दुखत्ता को नगर पालिका बना दिया और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने वाले किसानों और उनके नेताओं पर राजनीतिक बदले की भावना के तहत संगीन धाराओं में फर्जी मुकदमे लाद दिए. इस सरकार ने खत्तावासियों में धार्मिक भेदभाव और विभाजन पैदा करने के लिए वन गुर्जरों को फसल बोने से रोक दिया और वन गुर्जरों व अन्य खत्तावासियों के पुनर्वास के सवाल को भी लटकाए हुए है. उन्होंने कहा कि हरीश रावत सरकार तथा इससे पूर्व की सरकारों ने खनन माफिया के दबाव में जमरानी बाँध का निर्माण नहीं किया हैं, जबकि पूरे उत्तराखंड में सिर्फ जमरानी बाँध का निर्माण ही जनता की मांग रही है, पर हल्द्वानी – भाबर की पेयजल व सिचाई के लिए बनने वाला जमरानी बाँध इन सरकारों की प्राथमिकता में नहीं है.

भाकपा ( माले ) केन्द्रीय कमेटी के सदस्य राजा बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड में जिस तरह पिछले दिनों विधायकों की करोड़ों में खरीद फरोख्त कर सरकार गिराने व बनाने का घृणित कार्य भाजपा – कांग्रेस ने किया यह हमारे राज्य के लिए शर्मनाक घटना है . उन्होंने कहा कि राज्य की हरीश रावत सरकार अपने लिए राज्य की जनता से साथ मांग रही है पर दूसरी ओर मजदूर किसानों के दमन पर उतर आई है. एक्टू के नेता के.के. बोरा पर सरकार का संरक्षण पाए उद्योगपतियों द्वारा कराया गया कातिलाना हमला और बिन्दुखत्ता के किसानों के लोकतांत्रिक आन्दोलन पर गुंडों का हमला व पुलिस उत्पीड़न इसके जीते जागते उदाहरण हैं. उन्होंने मजदूरों – किसानों की की एकता के बल पर जन विरोधी कांग्रेस – भाजपा को सबक सिखाने और वामपंथी ताकतों को मजबूत बनाने की अपील की.

महाधरना 25 मई हल्द्वानीकिसान महासभा के जिलाध्यक्ष कामरेड बहादुर सिंह जंगी ने भाबर के आबादी वाले क्षेत्र से स्टोन क्रशरों को तत्काल हटाने की मांग की. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी राज्य सरकार क्रशर लाबी के दबाव में क्रशरों को आबादी से बाहर नहीं कर रही है. कामारेड जंगी ने गौला नदी के दोनों ओर तटबंध के साथ ही बे पास रोड का निर्माण करने और लालकुआं रेलवे क्रासिंग पर फ्लाइ ओवर बनाने की मांग की. उन्होंने किसानों की कर्ज माफी और सूखे व ओला बृष्टि से हुए नुकसान का सभी किसानों को मुआवजा देने और गन्ने का बकाया भुगतान करने की भी मांग की. धरने में एक्टू नेता के.के. बोरा पर हमले की कड़ी निंदा और हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग भी की गयी.

किसान महाधरने को संबोधित करते हुए भाकपा ( माले ) जिला सचिव कैलाश पांडेय ने कहा कि रावत सरकार ने पहाड़ में भूमि की खरीद के साथ ही भू उपयोग बदल जाने और लेबर इंस्पेक्टर कद्वारा उद्योगों में छापा मारने पर रोक लगा कर अपने किसान – मजदूर विरोधी रुख को साफ़ कर दिया है . महाधरने को किसान नेता भुवन जोशी , बसंती बिष्ट , हयात राम , लक्षमण सुयाल , पुष्कर दुबडिया , बहादुर राम , पुष्कर पांडा , पान सिंह कोरंगा , मो. यामीन बिन्नी , गुलाम रसूल निक्का , गुलाम हुसेन , आनंद सिजवाली , विपिन बोरा , नैन सिंह कोरंगा , चंद्रादेवी , गोविन्द जीना , गोविन्द बल्लभ नैनवाल , हरीश भंडारी आदि ने संबोधित किया . संचालन किसान महासभा राज्य कार्यकारिणी सदस्य विमला रौथान और जिला सचिव राजेन्द्र शाह ने संयुक्त रूप से किया .

सभा के बाद राज्य के मुख्यमंत्री के नाम खत्तों व भाबर के किसानों से सम्बंधित 22 सूत्रीय मांगपत्र उपजिलाधिकारी हल्द्वानी के माध्यम से भेजा गया . जिसमें एक्टू नेता के.के. बोरा पर जानलेवा हमला करने वाले हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी , बिन्दुखत्ता से नगर पालिका हटाने , बिन्दुखत्ता के आन्दोलनकारियों पर लादे गए फर्जी मुकदमे वापस लेने , वन गुर्जरों को फसल बोने का अधिकार और सभी खत्तों का एकीकरण व पुनर्वास करने , जमरानी बाँध बनाने , आबादी क्षेत्र से स्टोन क्रशरों को हटाने , गौला के दोनों किनारे तटबंध व बाई पास मार्ग बनाने , लालकुआं को नगर पालिका बनाने , लालकुआं रेलवे क्रासिंग पर फ्लाई ओवर और लालकुआं से कड़ापानी गेट तक पक्का मोटर मार्ग बनाने , किसानों को सूखा राहत और कर्ज माफी , बिन्दुखत्ता व बागझाला क्षेत्र के गरीब किसानों को भूमि का मालिकाना , सभी खत्तों व गैर राजस्व क्षेत्रों को भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण में अनुदान का भुगतान और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को निशुल्क कर इसके लिए राशन कार्ड या आधार कार्ड को मान्यता जैसी मांगें प्रमुख हैं .

इससे पूर्व किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा व नैनीताल जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी के नेतृत्व में 16 मई से 24 मई तक तमाम खत्तों , भाबर क्षेत्र , गौला पार और चोरगलिया तक किसान संघर्ष यात्रा निकाली गयी . किसान संघर्ष यात्रा के इस पहले चरण में मुख्य रूप से लालकुआं विधानसभा क्षेत्र को केन्द्रित किया गया . संघर्ष यात्रा के दौरान लगभग दस हजार ग्रामीणों तक किसान संघर्ष यात्रा के सन्देश को सीधे पहुंचाया गया . इस दौरान जगह – जगह किसानों और अन्य ग्रामीणों के साथ सामूहिक संवाद भी किया गया और उनकी समस्याओं को समझाने का प्रयास किया गया . इस संघर्ष यात्रा में किसान महासभा की राज्य कार्यकारिणी की सदस्या विमला रौथाण , हरीश भंडारी , पंकज इंकलाबी , विपिन बोरा , गोविन्द बल्लभ नैनवाल , भुवन जोशी , बिशनदत्त जोशी , विनोद कुमार , मीना मेहता भी शामिल रहे .


 (लेखक पुरुषोत्तम शर्मा,अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष हैं)

Back-to-previous-article
Top