बदले की भावना के तहत दर्ज किये गए मुकदमों के पीछे श्रम मंत्री का हाथ – उच्च न्यायालय में अपील करेगी अभाकिम

लालकुआं 31 अगस्त 2016

बिन्दुखत्ता नगर पालिका आंदोलन में लगे मुकदमे के कोर्ट समन आ गए हैं। तमाम बुजुर्ग, महिलाओं और भूतपूर्व सैनिकों के साथ ही बदले की भावना के तहत ऐसे लोगों पर भी मुकदमा लादा गया है जो अभाकिम नेताओं के परिवार के सदस्य हैं और 14 अक्टूबर के कार्यक्रम में थे ही नहीं। यह जानकारी देते हुए आज यहां लालकुआं के पूजा रेस्टोरेंट में अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन किया। उनके साथ ऐसे कुछ अति बुजुर्ग और भूतपूर्व सैनिक बिन्दुखत्ता वासी प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद भी थे।

अभाकिम प्रदेश अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि इस मुकदमे में पुलिस द्वारा कोर्ट में जमा की गयी चार्जशीट खुद बयान करती है कि श्रम मंत्री हरीश दुर्गापाल के दबाव में पुलिस ने लोगों पर फर्जी तरीके से संगीन धाराएं लगाई हैं। चार्ज शीट भी इस बात की पुष्टि करती है कि 14 अक्टूबर 2015 को सायं 6 बजे तक जब स्वेच्छा से गिरप्तारी दिए लोगों को थाने से निजी मुचलके पर छोड़ा गया तब तक पुलिस ने सिर्फ शान्ति भंग की सामान्य धाराएं ही आंदोलनकारियों पर लगाई थी। फिर रात में उन धाराओं को संगीन धाराओं में कैसे तब्दील किया गया जबकि आंदोलन सवा तीन बजे सायं खत्म हो गया था और गिरफ्तार ज्यादातर लोगों ने विरोध स्वरूप खुद गिरफ्तारी दी थी।

कामरेड शर्मा ने कहा कि मुकदमे में श्रम मंत्री के घर पर बैठ कर बदले की भावना के तहत आंदोलनरत अभाकिम और भाकपा (माले) समर्थक बुजुर्गों, भूतपूर्व सैनिकों और महिलाओं के नाम दर्ज करने के लिए चुने गए। बुजुर्ग पदम् सिंह सुयाल जो उस दिन आंदोलन में थे ही नहीं, उनका नाम सिर्फ इस लिए शामिल किया गया कि वे अभाकिम के वरिष्ठ नेता लक्षमण सुयाल के बड़े भाई हैं। छविराम और केदारीराम जैसे 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों पर भी मुकदमा लादा गया जो न सिर्फ यहां के दलित समुदाय में प्रतिष्ठित बुजुर्ग हैं बल्कि अपने सामाजिक सरोकारों के कारण पूरे बिन्दुखत्ता में लोकप्रिय हैं।

अभाकिम प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनका संगठन इस मुकदमे को खारिज कराने को लेकर उच्च न्यायालय में अपील दायर करने की तैयारी कर रही है । उन्होंने कहा कि मुकदमें में शामिल किए गए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है उनका संगठन इस मामले में सभी पीड़ितों को कानूनी मदद देगा।

उन्होंने बिन्दुखत्ता नगर पालिका के खिलाफ कांग्रेस के कुछ लोगों के आंदोलन को एक नाटक करार दिया। कामरेड शर्मा ने कहा कि अगर वे बिन्दुखत्ता की जनता के प्रति वाकई ईमानदार हैं तो महिलाओं से अभद्रता व दमन करने वाली और नगर पालिका थोपने वाली जन विरोधी कांग्रेस से इस्तीफा दें। कामरेड शर्मा ने कहा कि भाजपा दो बार राज्य की सरकार में रही है और वर्तमान में उसके पास 27 विधायक हैं पर भाजपा ने कभी भी राज्य विधानसभा में बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाने और नगर पालिका सहित फर्जी मुकदमे हटाने को मुद्दा नहीं बनाया।

श्री शर्मा ने कहा कि अखिल भारतीय किसान महासभा और भाकपा (माले) के आंदोलन के कारण आज बिन्दुखत्ता नगर पालिका की वापसी और आंदोलनकारियों पर फर्जी मुकदमे हटाना लालकुआं विधानसभा के प्रमुख मुद्दे बन गए हैं  इसी लिए लालकुआं सीट से दावेदारी करने वाले हर व्यक्ति को खुद को बिन्दुखत्ता का हितैषी दिखाने की कोशिश करनी पड़ रही है। यह अभाकिम और भाकपा (माले) आंदोलन की जीत है।

प्रेस वार्ता में बुजुर्ग छविराम 82 वर्ष, भूतपूर्व सैनिक केदारी राम 80 वर्ष, कमलापति जोशी 69 वर्ष, बसंती बिष्ट 70 वर्ष, भूतपूर्व सैनिक कैप्टेन शंकर चुफाल, बुजुर्ग भूतपूर्व सैनिक सूबेदार कुंदनसिंह बिष्ट, बुजुर्ग भूतपूर्व सैनिक बहादुर सिंह कार्की, बुजुर्ग पदम् सिंह सुयाल, ललित मटियाली और पुष्कर दुबड़िया शामिल थे।


 

पुरूषोत्तम शर्मा

Back-to-previous-article
Top