शहादत दिवस पर कामरेड चारू मजूमदार को याद किया

28 जुलाई,2016, लालकुँआ

20160728_112104भाकपा(माले) के संस्थापक महासचिव कामरेड चारू मजुमदार को उनके शहादत दिवस 28 जुलाई पर उन्हें याद करते हुए श्रधांजलि दी गयी. गौरतलब है कि चारू मजुमदार कि 28 जुलाई, 1972 में क्रांतिकारी संघर्षों के दौरान शहादत हो गयी थी.

इस अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि, ‘देश की आज़ादी के बाद भी देश के मजदूर-किसानों को उनका वास्तविक हक़ न मिलने और और शोषण के विरुद्ध चारू मजूमदार ने क्रांति कि जो मशाल जलाई थी वह क्रांतिकारी जनसंघर्षों के जरिये और तेज़ हुई है.’ उन्होंने कहा कि, ‘आज देश सरकारों की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों से जिस तरह से त्रस्त है ऐसे में चारू मजुमदार और भी प्रासंगिक हो उठे हैं.’

बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, ‘क्षेत्र में किसान आन्दोलन को और तेज़ किया जायेगा. यही चारू मजुमदार को सच्ची श्रधांजलि होगी.’

‘माले’ जिला सचिव कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, ‘जनता का हित ही पार्टी के लिए सर्वोपरि है, चारू मजुमदार की इस प्रस्थापना के साथ ही पार्टी आगे बढ़ रही है चाहे इसकी कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े.’

इस अवसर पर संघर्षो को तेज़ करते हुए पार्टी विस्तार का संकल्प लिया गया. कार्यक्रम में विमला रौथाण, ललित मटियाली, पुष्कर दुबडिया, मुबारक शाह, राजेंद्र शाह ,देवेन्द्र रौतेला, छवि राम, केदारी राम, स्वरुप सिंह दानू, दौलत सिंह कार्की, खीम सिंह वर्मा, भास्कर कापड़ी, उमेश आदि ने भी विचार व्यक्त कर चारू मजुमदार की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.

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