हल्द्वानी, 18 फरवरी, आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की कार्यकत्रियों व सहायिकाओं के राष्ट्रीय फेडरेशनों का संयुक्त राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल “ऐक्टू” नेता शशि यादव के नेतृत्व में अपनी माँगो को लेकर 15 फरवरी को जंतर मंतर दिल्ली में हुई विशाल रैली के पश्चात केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला। यह जानकारी ‘ऐक्टू’ से संबद्ध उत्तराखण्ड आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री कैलाश पाण्डेय ने दिल्ली से लौटकर दी.
उन्होंने बताया कि, ‘वित्त मंत्री के सम्मुख निम्न मांगों को रखा गया — “एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना के किसी भी प्रकार के निजीकरण को बंद किया जाय, बजट में की गयी कटौती वापस ली जाय, आईसीडीएस के लिए वर्ष 2015-16 का बजट आवंटन किसी भी हाल में 26,000 करोड़ रूपये से कम न हो, आंगनबाड़ी कार्यकताओं व सहायिकाओं को क्रमशः ग्रेड 3 व ग्रेड 4 के कर्मचारी के रूप में नियमित किया जाय, नियमितिकरण लंबित रहने तक 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को तुरंत लागू किया जाय, न्यूनतम वेतन 15,000 रु. प्रतिमाह किया जाय, सभी आंगनबाड़ी कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ दिए जाय जिसमें गारंटीशुदा पेंशन, ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य बीमा व अन्य लाभ शामिल हों.’
प्रतिनिधिमंडल द्वारा अपनी मांगों पर जोरदार बहस की गयी तब वार्ता में वित्त मंत्री ने भी स्वीकार किया कि आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्तमान में मिलने वाला मानदेय वास्तव में बहुत ही कम है. वित्त मंत्री ने आगामी बजट में इस पर विचार कर मानदेय बढ़ाने को लेकर आश्वस्त किया और यह भी कहा कि योजना बदस्तूर पूर्व की ही भाँति बिना फेरबदल जारी रहेगी। आंगनबाड़ी प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी कि यदि वित्त मंत्री ने वादानुसार बजटीय प्रावधान न किया और योजना का निजीकरण किया गया और अन्य मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही न की गयी तो आंगनबाड़ी कर्मी पूरे देश में एकताबद्ध होकर संयुक्त आंदोलन करेंगी।