मुख्यमंत्री द्वारा आन्दोलनकारियों को अराजक कहना शर्मनाक

मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा कल हल्दूचौड़ में बिन्दुखत्ता और नैनीसार के किसान आन्दोलन पर दिय गए वक्तव्य को गैर जिम्मेदाराना मानते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा ने मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना की है . अभाकिम के प्रदेश अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आन्दोलनकारियों को अराजक कहना और अपने कारपोरेट व भू – माफिया परस्त किसान विरोधी कदमों को जायज ठहराना शर्मनाक है.

उन्होंने कहा कि बिन्दुखत्ता के गरीब किसान जमीन पर मालिकाना हक़ मांग रहे हैं न कि नगर पालिका . मगर रावत सरकार जमीन के मालिकाने के सवाल पर अपराधिक चुप्पी साधे है . आखिर सरकार यह क्यों नहीं बताती कि जनता के भारी विरोध के बाद भी वह किसकी मांग पर बिन्दुखत्ता को नगर पालिका बनाने पर अड़ी है . उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनता को गुमराह कर रहे हैं कि बिन्दुखत्ता नगर पालिका में कोई टैक्स नहीं लगेगा . कामरेड शर्मा ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री देश और पूरी दुनिया से किसी ऐसी नगर पालिका क उदाहरण दिखा सकने की ताकत रखते है जहां टैक्स न लगाते हों ? किसान नेता कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत भी भाजपा व संघ की तरह झूठ व बदले की राजनीति कर रहे हैं . लोकतंत्र में विरोध की आवाज का सम्मान करने बजाय वे भी मोदी सरकार की तरह राजनीतिक विरोधियों को अराजक कह कर अपने अपराधी – माफिया राज और राज्य दमन को जायज ठहराने की कोशिश कर रहे हैं . उन्होंने कहा कि इन आन्दोलनों में नेतृत्वकारी भूमिका निभा रही भाकपा ( माले ) चुनाव आयोग में एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में पंजीकृत है और बिहार तथा झारखंड विधानसभा में हमारे विधायक मैजूद हैं . ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा भाकपा ( माले ) व अभाकिम के नेताओं को अराजक कहना उनके राजनीतिक दिवालियेपन को ही उजागर करता है .

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