ट्रेड यूनियन-एक्टू (ए.आई.सी.सी.टी.यू. – आल इंडिया सेन्ट्रल काउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियंस) के प्रदेश महामंत्री कामरेड के.के.बोरा पर हुए कातिलाना हमले की वामपंथी पार्टियां-भाकपा, माकपा, भाकपा(माले) ने तीव्र भर्त्सना की है . आज श्रीनगर (गढ़वाल) में जारी एक प्रेस बयान में यह मांग की गयी है कि कामरेड के.के.बोरा पर हुए जानलेवा हमले के दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए.
ज्ञात हो कि कामरेड के.के.बोरा की अगुवाई में रुद्रपुर (उधमसिंह नगर) की मिंडा ऑटोमोबाइल्स नामक कंपनी में पिछले तीन महीने से मजदूरों के उत्पीडन के खिलाफ आन्दोलन चल रहा है. इसी आन्दोलन के क्रम में कल श्रम कार्यालय (लेबर ऑफिस) जाते समय पुलिस ने कामरेड के.के.बोरा को उठाने की कोशिश की. वारंट मांगे दिखाने पर पुलिसकर्मी जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगे. लेकिन मजदूरों के प्रतिरोध के सामने पुलिस कर्मियों को हार माननी पडी. आज टेम्पो से रुद्रपुर जाते समय, स्कार्पियो गाडी में आये नकाबपोश बदमाशों ने लाठी-डंडों से कामरेड के.के.बोरा पर हमला कर दिया. पहले दिन पुलिस के जरिये बिना किसी कारण उठाने की कोशिश और फिर अगले ही दिन गुंडों द्वारा हमला दर्शाता है कि मजदूर आन्दोलन के खिलाफ पूंजीपति,पुलिस और गुंडे सब एकजुट हो गए हैं.
प्रेस बयान में कहा गया है कि मजदूर अधिकारों के लिए निरंतर संघर्षरत एक मजदूर नेता पर इस तरह का कातिलाना हमला दिखाता है कि उत्तराखंड में पूंजीपति,पुलिस और गुंडों को सरकारी संरक्षण हासिल है. इसलिए वे बेख़ौफ़ मजदूरों के अधिकारों के हक़ में खड़े होने वालों पर हमला बोल रहे हैं. सिडकुल राज्य सरकार की शह पर मजदूरों और श्रम कानूनों की कब्रगाह बने हुए हैं. अभी कुछ दिनों पहले हरीश रावत मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने के बाद लोकतंत्र की दुहाई देते घूम रहे थे. आज मुख्यमंत्री जवाब दें कि मजदूर नेताओं पर हमला और मजदूरों का उत्पीडन किस लोकतंत्र का प्रदर्शन है?
माकपा के राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी, भाकपा के राज्य सचिव आनंद सिंह राणा तथा भाकपा (माले) राज्य कमेटी सदस्य इन्द्रेश मैखुरी द्वारा जारी प्रेस बयान में मांग की गयी है कि कामरेड के.के.बोरा पर हमला करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी हो, उन्हें उठाने की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए, इस हमले के लिए मिंडा फैक्ट्री प्रबंधन एवं मालिकान पर आपराधिक षड्यंत्र रचने का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए, मिंडा फैक्ट्री के मजदूरों की मांगों पर तत्काल कार्यवाही हो और सिडकुल में मजदूरों के उत्पीडन पर रोक लगाते हुए, श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित किया जाए.