बिन्दुखत्ता, 22 मई 2016
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने मजदूर नेता और भाकपा (माले) के उधम सिंह नगर के जिला सचिव के के बोरा पर 20 मई को मिंडा कम्पनी के मैनेजमेंट द्वारा करवाये गये जानलेवा हमले की कड़ी निन्दा की और दोषियों की शीघ्र गिरफतारी की मांग की।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रथोली ने आज राज्य कार्यालय पहुंचकर प्रेस को जारी बयान में कहा कि प्रदेश की सरकार श्रम विरोधी सरकार है। उत्तराखण्ड में लगे उद्योगों में मजदूरों के श्रम का खुला शोषण हो रहा है। उत्तराखण्ड में लगे तीनों सिडकुल मजदूरों के लिए लूट का अडडा बने हुए है। राज्य में लगे उद्योगों में श्रम कानूनों का पालन बिल्कुल भी नहीं हो रहा है। जब कोई मजदूर नेता मजदूरों के अधिकारों के लिए और श्रम कानूनों का पालन करवाने के लिए लड़ता है तो उस पर जानलेवा हमला पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार के संरक्षण में कम्पनी मैनेजमेंट द्वारा कराया जाता है। प्रदेश के श्रम मंत्री श्रमिकों की समस्या हल करने के बजाय मैनजमेंट के साथ मिलकर काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि के के बोरा हमेशा से ही श्रमिकों के पक्ष में आवाज बुलंद करने वाले नेता है। इसलिए पुलिस प्रशासन उन्हें अपना निशाना बना रहा है। 19 मई को बिना वारंट व सम्मन के श्रम कार्यालय में मिंडा मैनेजमेंट और मजदूरों के बीच वार्ता के दौरान उन्हें गिरफतार करने की कोशिश की गयी। जब पुलिस प्रशासन उन्हें गिरफतार करने में कामयाब नहीं हो पाया तो अगले दिन रास्तें में आटो रूकवाकर मैनेजमेंट के पोषित गुण्डों ने अपहरण कर जान से मारने की कोशिश की। लेकिन किसी तरह वे बच सके। मिंडा मैनेजमेंट ने यह पूरी कार्यवाही पुलिस प्रशासन के संरक्षण में की। पुलिस प्रशासन द्वारा इस मामले में अभी तक किसी अपराधी को गिरफतार नही करना दिखाता है कि पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से यह हो रहा है। और तो और एक्टू से जूड़े अन्य श्रमिक नेताओं को भी मैनेजमेंट धमकी दे रहा है और जब पीड़ित पुलिस के पास शिकायत करने गये तो उनके शिकायत पत्र को बड़ी मुश्किल से स्वीकृत किया गया।
राजेन्द्र प्रथोली ने कहा कि एक्टू द्वारा 23 मई को अपराधियों को गिरफतार करने, दोषी पुलिसकर्मियों को दंडित करने और मिंडा कम्पनी के निष्कासित मजदूरों को वापस लेने व श्रम कानूनों का पालन किये जाने की मांग को लेकर किये जा रहे विरोध प्रदर्शन को पार्टी का पूरा समर्थन दिया जायेगा।