शत प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के फैसले के विरोध में मोदी सरकार का पुतला फूंका

बिन्दुखत्ता , 24 जून 2016

IMG-20160624-WA0017भाकपा(माले) ने आज कार रोड चैराहे, बिन्दुखत्ता पर मोदी सरकार के रक्षा, रिटेल, फार्मा, केबल नेटवर्क सहित तमाम क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) की मंजूरी के फैसले के विरोध में मोदी सरकार का पुतला फूंका और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) के फैसले को वापस लेने की मांग की।

इस दौरान हुई सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा (माले) के एरिया सचिव ललित मटियाली ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) के विरोध में मोदी जी ने जबरदस्त भाषण देकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) का विरोध किया था। वर्तमान में मोदी सरकार में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने विपक्ष में रहते हुए कहा था कि उनके रहते हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नहीं आ सकता। लेकिन जब से मोदी जी ने सत्ता सम्भाली है तब से वे उन्हीं मजदूर-किसान-छोटे व्यापारी विरोधी नीतियों और फैसलों को ही लागू कर रही है जो कांग्रेस लागू करना चाह रही थी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने अमेरिका से लौटते ही अमेरिका सहित अन्य देशों की बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को खुश करने के लिए 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी है।

ललित मटियाली ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी देना देश की सम्प्रभुता को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के हाथों गिरवी रखना हैं। एक तरफ मोदी जी अपने और भाजपा को सबसे बड़ा राष्ट्रभक्त कहते हैं दूसरी और देश की सम्प्रभुता को गिरवी रखने वाली नीतियों को लागू करते हैं। सच तो यह है कि मोदी जी की भक्ति देशी-विदेशी काॅरपोरेट घरानों के लिए है इसलिए उन्होंने विदेशी कम्पनियों को आकर्षित करने के लिए तमाम नियम कानूनों में भी ढील दे दी है। रक्षा क्षेत्र को पूर्णतः सरकारी नियंत्रण में रहना चाहिये।  विदेशी कम्पनियों के आते ही तमाम रक्षा सम्बंधी सूचनाओं को विदेशी ताकतों और कम्पनियों के बीच लीक होने का खतरा बने रहने से देश की सम्प्रभुता को खतरा होगा। रिटेल क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से छोटे व्यापारियों के रोजगार प्रभावित होंगे।

पुतला फूंकने वालों में गोविंद जीना, बिशनदत्त जोशी, राजेन्द्र शाह, विमला रौथाण, सुभाष कुमार, पुष्कर दुबड़िया, हुकुम सिंह, भाष्कर कापड़ी, विनोद कुमार, दीपक, भुवन कुमार, पंकज, सुधा देवी, हुकुम सिंह, ज्ञानचन्द आदि लोग थे।

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