आपदा पीड़ितों के प्रति हरीश रावत सरकार और कांग्रेस के विधायकों के संवेदनहीन रवैये की भाकपा(माले) तीव्र भर्त्सना करती है। एक ऐसे समय मे जब उत्तराखंड आपदा की चपेट मे हैं, आपदा पीड़ितों को सरकार एवं जनप्रतिनिधियों के संवेदनशील रुख एवं मदद की जरूरत है। ऐसे समय मे मुख्यमंत्री सड़कों पर भुट्टे खाते हुए उत्सवी मुद्रा मे तस्वीरें ऐसे खिंचवा रहे हैं, जैसे वे एक आपदा पीड़ित राज्य के मुख्यमंत्री न होकर कोई पर्यटक हों।
वहीं आपदा पीड़ित क्षेत्र घाट पहुंचे थराली के विधायक जीतराम को लोगों के घेराव से बचाने के लिए पुलिस द्वारा लाठियाँ भाँजना भी एक निंदनीय कृत्य है। एक तो लोग पहले ही आपदा मे अपना सब कुछ गंवा चुके हैं, उसपर सरकार भी उनको राहत पहुंचाने के बजाय उनपर लाठियाँ चलवाये तो इससे अधिक संवेदनहीन कार्यवाही और कुछ नहीं हो सकती है।
आपदा मे जिस तरह पूरा सरकारी तंत्र असहाय नजर आया और लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया, उससे लोगों का आक्रोश स्वाभाविक है। लोगों के वाजिब सवालों और पीड़ा का समाधान करने के बजाय उनपर पुलिस से लाठियाँ चलवाना दर्शाता है कि उत्तराखंड मे कांग्रेसी विधायक किस कदर तानाशाही मानसिकता से ग्रसित हैं। प्रश्न यह भी उठता है कि आपदा के मारे लोग विधायक के सामने आक्रोश न प्रकट करते तो क्या उनका फूल-मालाओं से स्वागत करते। इस कृत्य के लिए विधायक प्रो. जीतराम को जनता से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से भी हमारी मांग है कि वे पर्यटक मुद्रा के बजाय थोड़ा संवेदनशील हो कर बचाव और राहत कार्यों को गतिशील बनाएँ।
इंद्रेश मैखुरी
राज्य कमेटी सदस्य
भाकपा(माले)