केंद्र और राज्य सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ ‘ऐक्टू’ का कन्वेंशन

हल्द्वानी 31 जुलाई,

2016_07_31_press_release_image_3केंद्र और राज्य सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ “संगम बैंक्वेट हॉल” में ‘ऐक्टू’ द्वारा एक कन्वेंशन का आयोजन किया गया जिसमें ‘ऐक्टू’ से सम्बद्ध सभी यूनियनों ने भाग लिया। कन्वेंशन में आगामी 2 सितम्बर को होने वाली अखिल भारतीय आम हड़ताल को लेकर भी रणनीति बनायी गयी। यह भी तय किया गया कि 2 सितम्बर की हड़ताल की तैयारी के लिये अन्य यूनियनों को भी गोलबंद किया जायेगा।

कन्वेंशन में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए ‘ऐक्टू’ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज बहुगुणा ने खा कि, “केंद्र और राज्य सरकार की जन विरोधी-मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ मजदूर वर्ग को अपनी राजनीतिक दावेदारी तेज करनी होगी।” उन्होंने कहा कि, “जब से मोदी सरकार आयी है मजदूर वर्ग पर शोषण और दमन तेज हुआ है। वहीं अडानी जैसे पूंजीपति के घाटे को सरकार पूरा कर सरकार जनता के पैसे की खुली बंदरबाँट पर आमादा है।”

2016_07_31_press_release_image_2राजा बहुगुणा ने कहा कि, “श्रमिक दमन के मामले में हरीश रावत भी मोदी के छोटे भाई की तरह काम कर रहे हैं। सिडकुल से लेकर महिला कामगार सड़कों पर हैं, परंतु उनकी समस्याओं के समाधान के स्थान पर उल्टा उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। साथ ही आंदोलनरत कामगारों के बीच में फूट डालने का काम सरकार कर रही है।”

‘ऐक्टू’ के प्रदेश महामंत्री के. के. बोरा ने कहा कि, “उत्तराखण्ड राज्य संसाधनॉं की लूट और राज्य दमन का पर्याय बन गया है। श्रमिकों की आवाज उठाने वालों का खुले आम दमन हो रहा है, श्रमिक नेताओं पर हमले हो रहे हैं, आशाओं पर मुकदमे हो रहे हैं और यह सब राजनीतिक संरक्षण में हो रहा है।”

उत्तराखण्ड आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष दीपा पाण्डेय ने कहा कि, “सरकारें महिला कामगारों का खुला शोषण कर रही हैं। समान काम का समान वेतन स्वप्न बन क्र रह गया है।”

2016_07_31_press_release_image_1उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि, “महिला सशक्तिकरण की बातें जोर शोर से करने वाली सरकारें महिला कामगारों को न्यूनतम वेतन तक नहीं दे रही हैं। सरकार अपने न्यूनतम वेतन कानून का खुला उल्लंघन कर रही हैं।”

कन्वेंशन में श्रमिक नेता के. के. बोरा पर हमले के आरोपी को गिरफ्तार करने, आशाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, मिंडा श्रमिकों की मांगों को तत्काल मानने के प्रस्ताव पारित किये गये। इस अवसर पर एडवोकेट कैलाश जोशी, महेश तिवारी, उर्बादत्त मिश्रा, रीना बाला, भगवती बोरा, सुंदर सिंह, शांति शर्मा, दिनेश तिवारी, मानव, हरीश सिंह, बच्ची सिंह, कंचना बिष्ट, हंसी, रूबी भारद्वाज, ललित मटियाली, बहादुर सिंह जंगी, मुन्नी बिष्ट, इंद्रा नेगी, मुबारक शाह आदि ने भी कन्वेंशन को सम्बोधित किया।

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