अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद दिवस – सरकार का पुतला जलाया

अखिल भारतीय किसान महासभा ने मोदी सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश, मनरेगा व खाद्य सुरक्षा कानून में संशोधन करने के खिलाफ अपने राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद दिवस के तहत आज यहाँ कार रोड चौराहे पर जूलुस निकालकर मोदी सरकार का पुतला जलाया।

पुतला दहन कार्यक्रम के दौरान हुई सभा को सम्बोधित करते हुए किसान महासभा के राज्य पार्षद बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने संसद की अवहेलना कर अलोकतांत्रिक तरीके से भूमि अधिग्रहण कानून को बदल कर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के जरिये देश के किसानों के हितों पर भारी चोट की है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए भूमि अधिग्रहण कानून में किसान आन्दोलन के दबाव में कई किसान हितैषी प्रावधान जुड़े थे. जिसमें भूमि अधिग्रहण से पहले प्रभावित 70 व 80 प्रतिशत किसानों की सहमति, बहुफसली जमीनों के अधिग्रहण पर रोक, भूमि अधिग्रहण का सामाजिक मूल्यांकन कर किसानों सहित सभी प्रभावितों का पुनर्वास व उचित मुआवजा, जमीनों का नियत समय तक उपयोग न होने की स्थिति में जमीन की किसानों को वापसी जैसे कई किसान हितैषी प्रावधान प्रमुख हैं। उन्होंने कहा की मोदी सरकार ने इन सभी किसान हितैषी प्रावधानों को इस अध्यादेश के जरिये हटा कर जमीनों की कारपोरेट लूट का रास्ता खोल दिया है। इसके अतिरिक्त गरीबों, मेहनतकश मजदूरों के लिए बने खाद्य सुरक्षा कानून और मनरेगा कानून में भी बड़ा बदलाव करने का प्रावधान लाने जा रही है जो कि बिल्कुल भी गरीब और मेहनतकश मजदूर के पक्ष में नहीं है।

सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा(माले) के जिला सचिव कैलाश पाण्डेय ने कहा कि आम जनता को अच्छे दिनों का वादा करके केन्द्र में आई सरकार सिर्फ काॅरपोरेट घरानों के हित साधने में लगी हुई है। एक और तो सरकारी बैंकों के पहले से ही डिफाॅल्टर रहे अडानी जैसे पूंजीपति को 6 हजार करोड़ रूपये को लोन सरकारी बैंक से दे दिया गया वहीं दूसरी ओर गरीबों, किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी लगातार कम की जा रही है। भू-अधिग्रहण कानून, खाद्य सुरक्षा कानून, मनरेगा कानून में बजट की कटौती सहित कई संशोधन करने की साजिश की ओर मोदी सरकार कदम बढ़ा रही है। खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आने वाली 75 प्रतिशत आबादी को कम करके 40 प्रतिशत तक लाने की साजिश मोदी सरकार कर रही है। मनरेगा कानून में पहले ही बजट में कटौती मोदी सरकार कर चुकी है और अब मनरेगा कानून में काट-छांट की कोशिश कर रही है। यही नहीं औद्योगिक कौरीडोर, रियल एस्टेट व पीपीपी मोड के नाम पर मोदी सरकार किसानों की बहुफसली जमीनों पर कारपोरेट घरानों व पूंजीपतियों का कब्जा कराना चाहती है।

किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के पुतले को लेकर कार रोड चौराहे पर जम कर नारेबाजी कर जुलूस भी निकाला। कार्यकर्ता भूमि अधिग्रहण अध्यादेश वापस लो, कारपोरेट घरानों की दलाल मोदी सरकार होश में आओ, किसानों-मजदूरों-गरीबो के पेट में लात मारना बंद करो आदि नारे लगा रहे थे. इसके बाद जोरदार नारेबाजी के बीच किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार का पुतला फूंका. इस विरोध कार्यक्रम में किसान महासभा एरिया कमेटी सचिव भुवन जोशी, गोबिंद जीना, पुष्कर दुबडिया, गणेश राम, आनन्द सिजवाली, स्वरूप सिंह दानू, बिशन दत्त जोशी, हरीश भंडारी, ललित मटियाली, राजेन्द्र शाह, नारायण नाथ,शंकर जोशी, उमेश, महेश, ललित, चिंतामणि जोशी, अजब सिंह नेगी सहित अन्य लोग शामिल थे।

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