बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम की मांग पर कांग्रेस-भाजपा द्वारा पहले जनता को धोखा – अब भ्रमित करने का प्रयास

लालकुआं, 09 अप्रैल. अखिल भारतीय किसान महासभा ने राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा बिन्दुखत्ता की जनता के साथ किए गए धोखे के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया है. आज यहाँ कार रोड स्थित कार्यालय में किसान महासभा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी सरकार से नगर पालिका वापस लेने की मांग करने के बजाय जनता को भ्रमित करने का असफल प्रयास कर रहे हैं. मगर बिन्दुखत्ता की 60 हजार जनता ने भू-माफिया के हितैषी कांग्रेस व स्थानीय विधायक हरीश दुर्गापाल की साजिशों को नाकाम कर दिया है.

श्री शर्मा ने कहा कि राजस्व गाँव का प्रस्ताव केंद्र को भेजने संबंधी कांग्रेस सरकार और सांसद भगत सिंह कोश्यारी का बयान जनता के साथ धोखे के सिवा कुछ नहीं है. क्योंकि राजस्व गाँव का दर्जा देना केन्द्र के अधिकार क्षेत्र में नहीं है. राजस्व गाँव का गठन राज्य सरकार का राजस्व परिषद् करता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को वन भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव को मंजूरी देनी होती है और आज तक कांग्रेस. भाजपा किसी भी सरकार ने बिन्दुखत्ता के वन भूमि के हस्तांतरण का विधिवत प्रस्ताव केंद्र सरकार के वन पर्यावरण मंत्रालय को नहीं भेजा है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जनता के बीच सच्चाई का प्रचार करें ताकि जनता अपने दोस्त व दुश्मनों की पहचान कर सके.

उच्च न्यायालय में दाखिल वाद के सम्बन्ध में स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम पर श्री शर्मा ने कहा कि जनता कांग्रेस कार्यकर्ताओं की किसी भी बात पर विश्वास करने को तैयार नहीं है. इसी से बौखलाए कांग्रेस कार्यकर्ता किसान महासभा के नेताओं पर व्यक्तिगत हमलों की ओछी राजनीति तक उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि नगर पालिका के गठन के लिए देश के संविधान व कानूनों में जो प्रावधान हैं इस सरकार ने भू माफिया के इशारे पर उनका खुला उलंघन किया है जिसे हमने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. अब अपनी साजिशों को नाकाम होता देख कांग्रेस कार्यकर्ता बौखला गए हैं.

बैठक में बिशन दत्त जोशी, पुष्कर पांडा, प्रभात पाल, आनंद सिजवाली, चिंतामणी जोशी, शेरसिंह कोरंगा, बाग़ सिंह, दीवान सिंह, शंकर दत्त जोशी, कुंवर सिंह चौहान, प्रवीन सिंह दानू, विपिन सिंह बोरा, कमलापति जोशी, मीना मेहता, विमला रौथान, श्याम सिंह बिष्ट, गोविन्द सिंह कोरंगा, स्वरूपसिंह दानू, पुष्कर दुबडिया, राजेन्द्र शाह, भाष्कर कापडी, हरीश गिरि गोस्वामी, पानसिंह कोरंगा, गोविन्द जीना, गोपालराम, बिशन सिंह, नारायण सिंह, तिलाग सिंह आदि प्रमुख रूप से शामिल थे.

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