माले की दो टीमें पीडि़त इलाकों के दौरे पर रवाना
पटना 23 अप्रैल 2015
माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि आपदा प्रबंधन के मामले में बिहार सरकार पूरी तरह फिसड्डी व संवेदनहीन साबित हुई है. सरकार का आपदा प्रबंधन पूरी तरह फेल है. यदि समय रहते मौसम विभाग ने इसका ठीक से जायजा लिया होता और सरकार ने ठोस पहलकदमी उठाई होती, तो इतने व्यापक पैमाने पर जान-माल के नुकसान से बचा जा सकता था. उन्होंने कहा कि हमें प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक मृतकों की सूची और बड़ी है.
इसके पूर्व भी पिछले महीने बेमौसम बारिश की वजह से 22 लोगों की मृत्यु हुई थी और करीब 70 प्रतिशत गेहूं की फसल का नुकसान हुआ था. इस मामले में सरकार की पहलकदमी नहीं के बराबर रही है. इस मामले में बिहार सरकार कह रही है कि उसके मौसम विभाग ने तूफान आने की जानकारी उसने बेवसाइट पर जारी किया था, लेकिन उसी का बयान यह है कि इसकी सूचना संबंधित जिलाघिकारियों को नहीं दी गयी थी. और राज्य सरकार को भी मौसम विभाग की सूचनाओं से कोई लेना देना नहीं था.
उन्होंने कहा कि बाढ़, तूफान, सुखाड़ आदि प्राकृतिक आपदाओं की बात हो या फिर आपदा की कोई अन्य स्थिति हो, सरकार का आपदा प्रबंधन पूरी तरह असफल साबित हुआ है. छपरा के मीड डे मिल कांड से लेकर हाल में सिवान में इलाज के अभाव में दुर्घटना के शिकार 5 नवयुवकों की मौत के सिलसिले में भी सरकार की कमजोरी खुलकर उजागर हुई है. इस तरह, बिहार सरकार की आपराधिक लापरवाही लगातार चल रही है. बिहार का बड़ा इलाका भूकंप जोन में आता है, यदि सरकार का यही रवैया रहा तो बिहार को और बुरे दिन देखने पड़ सकते हैं.
उन्होंने कहा कि चक्रवाती तूफान से जान-माल, फसल, गृह आदि की क्षति का सही से मुआयना किया जाना चाहिए और युद्ध स्तर पर राहत कार्य चलाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि माले नेताओं के नेतृत्व में दो टीमें आज से पीडि़त क्षेत्रों के दौरे पर रवाना हो गयी है. तूफान से सर्वाधिक पीडि़त पूर्णिया जिले में पार्टी के पूर्व विधायक काॅ. महबूब आलम, किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष काॅ. विशेश्वर यादव और राज्य कमिटी के सदस्य काॅ. पंकज सिंह दौरा करेंगे. वहीं, मिथिलांचल के इलाके में पार्टी नेता काॅ. धीरेन्द्र झा के नेतृत्व में दूसरी टीम दौरा करेगी. ये टीमें नुकसान का जायजा लेगी और अपनी मांगें बिहार सरकार के समक्ष पेश करेगी.