गोरखपुर में 64 बच्चों की मौत राज्य प्रायोजित जनसंहार है : माले
बच्चों की मौत के जिम्मेदार योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो ।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद ।
दिल्ली 12 अगस्त 2017
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 63 बच्चों की मौत ने पूरे देश को दहला दिया है। बड़े शर्म की बात है कि जब हम भारत की आजादी के 70 सालों का जश्न मनाने की बातें कर रहे हैं तब देश के अस्पताल आज भी गरीब बच्चों के लिए मौत का कु्ंआ बने हुए हैं। इन मौतों को महज प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा कहना सही नहीं होगा, बल्कि यह राज्य प्रायोजित जनसंहार है. ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को महज 70 लाख रु. भुगतान न करने का नतीजा है कि इतने बड़े पैमाने पर बच्चों को मौत की नींद सोना पड़ा. योगी आदित्यनाथ जो गोरखपुर से पांच बार सांसद चुने गये हैं और अब यूपी के मुख्यमंत्री हैं, पूरी तरह से इस नरसंहार के लिए जिम्मेदार हैं और उन्हें इसकी आपराधिक जवाबदेही स्वीकार करते हुए अविलंब अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.
गोरखपुर के सरकारी अस्पतालों में जापानी इन्सिेफेलाइटिस से पीडि़त और जान गंवा रहे बच्चों के हालात के प्रति पूरी तरह संवेदनहीन योगी आदित्यनाथ यह जानने में व्यस्त्ा है कि मदरसों में बच्चे बन्देमातरम गा रहे हैं या नहीं. इससे पता चल रहा है कि भाजपा की सरकारों के लिए प्राथमिकता बच्चों का स्वास्थ्य और जीवन नहीं बल्कि केवल और केवल साम्प्रदायिकता और उन्माद-उत्पात की राजनीति करना है. योगी प्रशासन का पूरा जोर यूपी में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को डराने में है, जाहिर है ऐसे में जरूरी नागरिक सेवायें सरकार के लिए कोई विषय ही नहीं है.
गोरखपुर के इस अस्पताल में स्टाफ का वेतन और आवश्यक मेडिकल उपकरण के लिए जरूरी फण्ड न जारी करने के लिए केन्द्र सरकार भी जिम्मेदार है.
भाकपा-माले ने इस हृदयविदारक राज्य प्रायोजित जनसंहार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी के इस्तीफे के सवाल पर स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त को राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद आयोजित करने का आह्वान किया है.