भारतीय क्रांति के महानायक कामरेड चारु मजुमदार

CM


एक क्रांतिकारी पार्टी के बिना क्रांति कभी सफल नहीं हो सकती. जो पार्टी दृढ़ रूप से माओ विचारधारा पर आधारित है आत्म बलिदान से प्रेरित लाखों-लाख मजदूर-किसान व मध्यमवर्गीय युवकों द्वारा गठित है, जिस पार्टी के अंदर आलोचना और आत्म-आलोचना का पूर्ण जनवादी आधिकार है और जिस पार्टी को सदस्यों ने अपनी इच्छा से तथा स्वतंत्र रूप से अनुशासन को मान लिया है, जो पार्टी सिर्फ ऊपर का हुक्म मान कर ही नहीं चलती, स्वतंत्र रूप से निर्देश को जांचती है और कांति के स्वार्थ में गलत निर्देश का खंडन करने से नहीं हिचकती, जिस पार्टी के हर एक सदस्य अपनी इच्छा से काम चुन लेते हैं और छोटे से लेकर बड़े तक सबको समान महत्व देने हैं, जिस पार्टी के सदस्य किसी भी हालत में हताश नहीं होने, किसी भी कठिन परिस्थिति मे नहीं डरते, उसे हल करने को दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ते हैं — एेसी ही एक पार्टी देश के विभिन्न वर्गी व मतों के लोगों के एकताबद्ध मोर्चे का गठन कर सकती है, एेसी ही एक कांतिकारी पार्टी भारत बर्ष की क्रांति को सफल बना सकती है.


अंधानुकरण करने के कोशिश हानिकारक है. अगर अपनी विचा-शक्ति खो दोगे तो कम्युनिस्ट कैसी बनोगी ? सिर्फ अपनी अनुभूति से ही विश्वास का जन्म होता है और विश्वास से ही आता है दृढ़संकल्प.


चारु मजुमदार

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