भारतीय कांति के लौहपुरुष नागभूषण पटनायक

Nagbhushan

भारतीय क्रांति के लौहपुरुष नागभूषण पटनायक


भूमिका के वदले में


नागभूषण पटनायक का व्यक्तित्व बहुआयामी था. वे एक राजनितिक नेता थे, एक विचारक, एक कवि थे, सब कुछ जैसे एक में सन्निहित. वे उन दुर्लभ क्रांतिकारी नेताओं में से थे, जो जीते जी आख्यान बनं जाते हैं. अपने समूचे राजनीतिक जीवन में वे उस धारा के नेता रहे, जिसे अक्सर ही वामपंथ की ‘उग्रवादी’ धारा के रूप में वर्णित किया जाता रहा. एक कट्टर क्रांतिकारी और मार्क्सवादी नागभूषण अक्सर कहा करते थे कि वे अपनी पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं. एक आदर्श कम्युनिस्ट के बावजुद, लोकतांत्रिक शक्तियों के एक बड़े दायरे से नागभूषण का सजीव संबंध था. उनके बलिदान और क्रांतिकारी संघर्ष के आख्यानों ने नागभूषण को लोकतांत्रिक आंदोलनों का केंद्र बिंदु बन गई थी और नागभूषण लोकतांत्रिक शक्तियों के अंत:करण में क्रमश उतरते चले गए.


नागभूषण सीपीआइ(एमएल) की प्रथम केंद्रीय कमेटी के बच रहे उन कुछ नेताओं मे से थे जिनकी पार्टी किसी भी विभाजन में कत्तई कोई भूमिका नहीं रही और जो हमेशा पार्टी की एकता के प्रति प्रतिबद्ध रहे. पार्टी एकता और गांव के गरीबों के जुझारू संघर्ष के प्रति यह नागभूषण के गहरे आदर का ही परिणाम था कि अपनी रिहाई के बाद वे सीपीआइ(एमएल) लिबरेशन के नजदीक आए.


लौह पुरुषों के बारे मैंने किताबों में पढ़ा था लेकिन एेसे किसी को अगर कभी मैंने अपनी आंखों से देखा तो वह नागभूषण ही ते, कोई और नहीं.


विनोद मिश्र

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