मेरे सपनों का भारत निस्संदेह एक अखंड भारत है जहां एक पाकिस्तानी मुसलमान को अपने विवर्तन की जड़ें तलाशने के लिए किसी ‘वीसा’ (ठहरने का अनुमति पत्र) की आवश्यकता नहीं होगी; इसी तरह, किसी भारतीय के लिए महान सिंधुषाटी सभ्यता विदेश में स्तित नहीं होगी; और जहां बंगाली हिंदू शरणार्थी अंतत: ढाका की कड़वी स्मृतियों के आंसू पोंछ लेंगे और बंगलादेशी मुसलमानों को भारत में विदेशी कहकर चूहों की तरह नहीं खदेड़ा जाएगा.
वया मेरी आवाज भाजपा की आवाज से मिलती-जुलती लगती है? लेकिन भाजपा तो भारत के मुस्लिम पाकिस्तान और हिंदू भारत — आलबत्ता उतना ‘विशुद्ध’ नहीं — में महाविभाजन पर फली-फूली चूंकि भाजपा इस विभाजन को तमाम विनाशकारी नतीजों के साथ चरम बिंदु तक पहुंचा रही है इसलिए इन तीनों देशों में महान विचारक यकीनन पैदा होंगे और वे इन तीनों के भ्रातृत्वपूर्ण पुनरेकीकरण के लिए जनमत तैयार करेंगे निश्चिन्त रहिए, वो दिन भाजपा जैसी ताकतों के लिए कयामत का दिन होगा.
— विनोद मिश्र