अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले सैकड़ों किसानों का हल्द्वानी में महा-धरना

WhatsApp-Image-20160525हल्द्वानी 25 मई 2016,

अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले आज सैकड़ों किसानों ने हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में महा-धरना दिया और सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री के नाम खत्तावासियों व भाबर के किसानों की मांगों से सम्बंधित ज्ञापन सोंपा.

महा-धरना में आए किसानों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की हरीश रावत सरकार लगातार किसानों की उपेक्षा कर रही हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के कारण आज देश में किसान आत्महत्याएं बढ़ रही है तथा उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर किसानों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज देश और प्रदेश का किसान सूखे और कर्ज से तबाह है पर राज्य व केंद्र की सरकारें किसानों के बजाए पूंजीपतियों को लाखों करोड़ रूपए की राहत देने में लगी हैं.

कामरेड शर्मा ने आरोप लगाया कि अपने लिए लोकतंत्र की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भूमाफिया के हित में बिन्दुखत्ता को नगर पालिका बना दिया और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने वाले किसानों और उनके नेताओं पर राजनीतिक बदले की भावना के तहत संगीन धाराओं में फर्जी मुकदमे लाद दिए. इस सरकार ने खत्तावासियों में धार्मिक भेदभाव और विभाजन पैदा करने के लिए वन गुर्जरों को फसल बोने से रोक दिया और वन गुर्जरों व अन्य खत्तावासियों के पुनर्वास के सवाल को भी लटकाए हुए है. उन्होंने कहा कि हरीश रावत सरकार तथा इससे पूर्व की सरकारों ने खनन माफिया के दबाव में जमरानी बाँध का निर्माण नहीं किया हैं, जबकि पूरे उत्तराखंड में एकमात्र जमरानी बाँध का निर्माण ही जनता की मांग रही है, पर हल्द्वानी – भाबर की पेयजल व सिचाई के लिए बनने वाले जमरानी बाँध इन सरकारों की प्राथमिकता में नहीं है.

WhatsApp-Image-20160525_2भाकपा ( माले ) केन्द्रीय कमेटी के सदस्य राजा बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड में जिस तरह पिछले दिनों विधायकों की करोड़ों में खरीद फरोख्त कर सरकार गिराने व बनाने का घृणित कार्य भाजपा – कांग्रेस ने किया यह हमारे राज्य के लिए शर्मनाक घटना है. उन्होंने कहा कि राज्य की हरीश रावत सरकार अपने लिए राज्य की जनता से साथ मांग रही है पर दूसरी ओर मजदूर किसानों के दमन पर उतर आई है. एक्टू के नेता के.के. बोरा पर सरकार का संरक्षण पाए उद्योगपतियों द्वारा कराया गया कातिलाना हमला और बिन्दुखत्ता के किसानों के लोकतांत्रिक आन्दोलन पर गुंडों का हमला व पुलिस उत्पीड़न इसके जीते जागते उदाहरण हैं. उन्होंने मजदूरों – किसानों की की एकता के बल पर जन विरोधी कांग्रेस – भाजपा को सबक सिखाने और वामपंथी ताकतों को मजबूत बनाने की अपील की.

किसान महासभा के जिलाध्यक्ष कामरेड बहादुर सिंह जंगी ने भाबर के आबादी वाले क्षेत्र से स्टोन क्रशरों को तत्काल हटाने की मांग की. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी राज्य सरकार क्रशर लाबी के दबाव में क्रशरों को आबादी से बाहर नहीं कर रही है. कामारेड जंगी ने गौला नदी के दोनों ओर तटबंध के साथ ही बाई पास रोड का निर्माण करने और लालकुआं रेलवे क्रासिंग पर फ्लाइ ओवर बनाने की मांग की. उन्होंने किसानों की कर्ज माफी और सूखे व ओला बृष्टि से हुए नुकसान का सभी किसानों को मुआवजा देने और गन्ने का बकाया भुगतान करने की भी मांग की.धरने में ऐक्टू नेता के. के. बोरा पर कातिलाना हमले की कड़ी निंदा करते हुए हमलावरों की तत्काल गिरफ़्तारी की माँग की गयी. किसान महाधरने को संबोधित करते हुए भाकपा ( माले ) जिला सचिव कैलाश पांडेय ने कहा कि रावत सरकार ने पहाड़ में भूमि की खरीद के साथ ही भू उपयोग बदल जाने और लेबर इंस्पेक्टर कद्वारा उद्योगों में छापा मारने पर रोक लगा कर अपने किसान – मजदूर विरोधी रुख को साफ़ कर दिया है. महा-धरने को किसान नेता भुवन जोशी, बसंती बिष्ट, हयात राम, आशा यूनियन की अध्यक्ष कमला कुंजवाल, लक्षमण सुयाल, पुष्कर दुबडिया, बहादुर राम, पुष्कर पांडा, पान सिंह कोरंगा,गुलाम हुसैन, गुलाम रसूल, आनंद सिंह सिजवाली, विपिन बोरा, मोहम्मद यामीन बिन्नी, नैन सिंह कोरंगा, चंद्रादेवी, गोविन्द जीना, गोविन्द बल्लभ नैनवाल, हरीश भंडारी आदि ने संबोधित किया. संचालन किसान महासभा राज्य कार्यकारिणी सदस्य विमला रौथान और जिला सचिव राजेन्द्र शाह ने संयुक्त रूप से किया .

सभा के बाद राज्य के मुख्यमंत्री के नाम खत्तों व भाबर के किसानों से सम्बंधित 21 सूत्रीय मांगपत्र सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से भेजा गया. जिसमें बिन्दुखत्ता से नगर पालिका हटाने, वन गुर्जरों को फसल बोने का अधिकार और सभी खत्तों का एकीकरण व पुनर्वास करने, जमरानी बाँध बनाने, आबादी क्षेत्र से स्टोन क्रशरों को हटाने, गौला के दोनों किनारे तटबंध व बाई पास मार्ग बनाने, लालकुआं को नगर पालिका बनाने, लालकुआं रेलवे क्रासिंग पर फ्लाई ओवर और लालकुआं से कड़ापानी गेट तक पक्का मोटर मार्ग बनाने, किसानों को सूखा राहत और कर्ज माफी, बिन्दुखत्ता व बागझाला क्षेत्र के गरीब किसानों को भूमि का मालिकाना, सभी खत्तों व गैर राजस्व क्षेत्रों को भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण में अनुदान का भुगतान और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को निशुल्क कर इसके लिए राशन कार्ड या आधार कार्ड को मान्यता जैसी मांगें प्रमुख हैं.

ज्ञात रहे कि इससे पूर्व किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पुरुशोत्तम शर्मा व जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी के नेतृत्व में 16 मई से 24 मई तक तमाम खत्तों, भाबर क्षेत्र, गौला पार और चोरगलिया तक किसान संघर्ष यात्रा निकाली गयी थी.

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