आशाओं ने किया वित्तमंत्री कैम्प कार्यालय कूच – मासिक मानदेय और आशाओं पर लगे मुकदमे को वापस लेने की मांग

हल्द्वानी 25 जुलाई,

2016_07_27_press_release_4_image_1‘ऐक्टू’ से सम्बद्ध ‘उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन’ की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल के नेतृत्व में आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों के समर्थन और 23 जुलाई को हल्द्वानी की आशाओं पर लगे मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर महिला चिकित्सालय के परिसर में एकत्र होकर वहां से वित्त मंत्री कैम्प कार्यालय कूच किया।

इस अवसर पर बोलते हुए यूनियन अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि, “पिछले 15 दिनों से आशाएं कार्य बहिष्कार पर हैं परंतु सरकार उदासीन बनी हुई है। इसके उलट प्रशासन शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही आशाओं पर फर्जी केस लादकर जेल भेजने की तैयारी कर रहा है। यह शर्मनाक है। क्या अब महिला सशक्तिकरण का ढोल पीटने वाली सरकार, महिला कामगारों को वेतन देने के बजाय जेल भेजेगी?” उन्होंने कहा कि, “आशाओं का प्रतिनिधि मण्डल 17 मई 2016 को राज्य की माननीय वित्त मंत्री जी से मिला था। तब उन्होंने राज्य सरकार द्वारा की गयी घोषणाओं को शीघ्र लागू करने का भरोसा दिलाया था। लेकिन दो माह से भी अधिक बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। राज्य में एक महिला के वित्तमंत्री के रूप में होते हुए भी महिला कामगारों की सुनवाई न होना निराशाजनक है।”

2016_07_27_press_release_4_image_2‘ऐक्टू’ के प्रदेश महमंत्री के. के. बोरा ने कहा कि., “राज्य में आंदोलनरत कामगारों पर दमन लगातार बढ़ता जा रहा है। आशाओं के साथ पुरुष पुलिसकर्मियों ने पहले खुद धक्का-मुक्की शुरू की और बाद में उल्टा आशाओं पर ही फर्जी मुकदमा कर फंसाने की चेष्टा की जा रही है।” उन्होंने कहा कि – आशाओं से तत्काल मुकदमा वापसी की कार्यवाही की जानी चाहिए।

आशाओं ने मांग की कि – राज्य सरकार अपनी घोषणाओं के अनुरूप तत्काल राज्य प्रोत्साहन राशि आशाओं के खाते में डाले और उसकी वित्तीय बाधाओं को दूर करने का कार्य वित्तमंत्री जी करें। साथ हि 2011 से अब तक की राशि को ऐरियर के रूप में भुगतान किया जाए। राज्य सरकार द्वारा दो-दो बार घोषित दीवाली बोनस तत्काल दिया जाए। देश के नौ अन्य राज्यों की भांति उत्तराखण्ड राज्य सरकार भी राज्य मद से मासिक वेतन की गारंटी करे और आशाओं पर दर्ज मुकदमे बिना शर्त तत्काल वापस लिये जाएं। आशाओं को राज्य कर्मचारी बनाने का प्रस्ताव राज्य मंत्रिमण्डल से पारित कर केंद्र को भेजा जाए।

जुलूस प्रदर्शन में पूरे नैनीताल की आशाएं मौजूद रहीं। जिनमें जिलाध्यक्ष कमला कुंजवाल, जिला महामंत्री दुर्गा टम्टा के अलावा विमला उप्रेती, शांति शर्मा, मुन्नी बिष्ट, रजनी भट्ट, तुलसी पाण्डे, लीला बोरा, बसंती रौतेला, लीला भट्ट, हंसी बिष्ट, चम्पा चुफाल, मंजू बोरा, नीलम टम्टा, प्रेमा पंत, दीपा उप्रेती, हेमा सती, कमला बिष्ट, रेशमा, अनुराधा, कमरून्निशा, भावना बोरा, प्रीती रावत, भगवती बिष्ट, दीपा बिष्ट, हेमा दुर्गापाल, भावना सुयाल, शाइस्ता, दीपा बहुगुणा, बीना उपाध्याय, अरशी, अजरा, सलमा, पुष्पा आर्या, लीला परिहार, अम्बिका जोशी, माया, दुर्गा शर्मा, मुन्नी रौतेला, गोविंदी लटवाल, ममता आर्या, चम्पा परिहार, गंगा नटवाल, रेनू बेलवाल, सुनीता भट्ट, ललिता रावत, बसंती तिवारी, आरती आर्या, आशा रौतेला, कमला निगालिया, आनंदी देवी, भागीरथी धपोला, सोनी देवी, राधा कार्की, सावित्री अधिकारी, सत्येश्वरी रावत, मीना फर्त्याल, कुसुम जोशी, भारती थापा, लीला पठाली, रोवा भट्ट, मंजू देऊपा, निर्मला बोरा आदि सहित यूनियन महामंत्री कैलाश पाण्डेय भी मौजूद थे।

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