उत्तराखण्ड आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन द्वारा कुमाऊं में व्यापक प्रदर्शन – न्यूनतम मासिक वेतन सुनिश्चित किया जाय

2016_06_11_2‘ऐक्टू से सम्बद्ध उत्तराखण्ड आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन द्वारा आज अपने राज्यव्यापी प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत चम्पावत, बाराकोट, पाटी, टनकपुर, पिथौरागढ़, डीडीहाट, गंगोलीहाट, अल्मोड़ा, भिक्यासैंण आदि अनेक स्थानों में प्रदर्शन कर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गाँधी का पुतला फूंका गया। इस अवसर पर विभिन्न जगहों पर हुई सभाओं में वक्ताओं ने कहा कि, ‘उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद यहाँ की महिला कामगारों की घोर उपेक्षा यहाँ की सरकारों ने की है. आंगनबाड़ी कर्मचारियों को उनकी घोषित ड्यूटी के अतिरिक्त तमाम किस्म के सर्वे, गणना आदि को भी अंजाम देना पड़ता है परन्तु इतना अतिरिक्त कार्य करने और कार्य करते हुए वर्षों बीत जाने के बाद भी उनके नियमितीकरण की बात तो छोड़िये वे अभी तक सरकार द्वारा खुद के निर्धारित न्यूनतम वेतन तक से वंचित हैं. आंगनबाड़ी कर्मचारी (कार्यकत्री, सहायिका व मिनी) का कार्य लगातार बढ़ाया जा रहा है, उनसे कुशल कामगार का काम लिया जा रहा है परन्तु प्रतिदान में उन्हें अकुशल कामगार का वेतन भी नसीब नहीं होता है.’

आंगनबाडी वर्कर्स ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना में भारी कटौती कर दी गयी है और केन्द्रीय बाल एवम महिला विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी द्वारा तो बड़ी ही बेशर्मी से आंगनबाड़ी वर्कर्स के मानदेय में कोई भी वृद्धि करने से साफ़ तौर पर इंकार कर दिया गया।

यूनियन द्वारा आज 10 जून,2016 को प्रदर्शन के माध्यम से निम्न माँगे उठायी गयीं—

1. आंगनबाड़ी कर्मचारियों को न्यूनतम मासिक वेतन 15000 देना सुनिश्चित किया जाय.

2. आंगनबाड़ी कर्मचारियों का स्थायीकरण करने का प्रस्ताव शीघ्र राज्य मंत्रिमंडल से पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाय.

3. राज्य के आंगनबाड़ी केन्द्रों में शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन अवकाश के संबंध में  पिछले दिनों समाचार माध्यमों में सरकार द्वारा घोषणा किये जाने की सूचना थी परन्तु अभी तक इसका जी.ओ.(शासनादेश) नहीं पहुंचा है. कृपया शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन अवकाश का शासनादेश तत्काल जारी किया जाय.

4. 6 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र भेजने की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाय और कक्षा-1 में भर्ती(एडमिशन) हेतु सरकारी व निजी सभी स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र का प्रमाणपत्र होना अनिवार्य किया जाय.

5. राज्य में मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री बिना सहायिका के केंद्र का संचालन करने पर मजबूर हैं. मिनी आंगनबाड़ी केंद्र में भी सहायिका का पद सृजित किया जाय. मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को पूर्ण केंद्र का दर्जा देते हुए मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री को भी ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ का नियम लागू करते हुए कार्यकत्री के ही बराबर मानदेय दिया जाय.

6. नेता और ऐक्टू के प्रदेश महामंत्री के.के. बोरा पर 20 मई को रुद्रपुर में जानलेवा हमला करने वालों को तत्काल गिरफ्तार किया जाय।

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