कामरेड के.के.बोरा की अगुवाई में रुद्रपुर (उधमसिंह नगर) की मिंडा ऑटोमोबाइल्स नामक कंपनी में पिछले तीन महीने से मजदूरों के उत्पीडन के खिलाफ आन्दोलन चल रहा है। इसी आन्दोलन के क्रम में 19 मई को श्रम कार्यालय (लेबर ऑफिस) जाते समय पुलिस ने कामरेड के. के. बोरा को उठाने की कोशिश की। वारंट दिखाने की मांग करने पर पुलिसकर्मी जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगे। लेकिन मजदूरों के प्रतिरोध के सामने पुलिस कर्मियों को हार माननी पड़ी। ठीक इसके दूसरे दिन 20 मई को टेम्पो द्वारा हल्द्वानी से रूद्रपुर जा रहे कामरेड के. के. बोरा पर, स्कार्पियो गाडी में आये दस नकाबपोश बदमाशों ने लाठी-डंडों से पर हमला कर दिया। पहले दिन पुलिस के जरिये बिना किसी कारण उठाने की कोशिश और फिर अगले ही दिन गुंडों द्वारा हमला दर्शाता है कि मजदूर आन्दोलन के खिलाफ पूंजीपति, पुलिस और गुंडे सब एकजुट हो गए हैं।
आज 23 मई को इस पुलिस दमन तथा दबंगई पर पूरे देश में प्रदर्शन हुए।
हल्द्वानी:
मजदूर नेता और एक्टू के प्रदेश महामंत्री के के बोरा पर 20 मई को हुए जानलेवा हमले के दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी, 19 मई को ए.एल.सी. ऑफिस में के के बोरा को जबरन उठाने की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मियों को दण्डित करने और मिंडा एम.के. समेत सभी कम्पनियों के श्रमिकों की मांग पूरी करने और सिड्कुल में श्रम कानूनों का पालन करने की मांगों के साथ आज हल्द्वानी के अम्बेडकर पार्क में एकटू के नेतृत्व में विभिन्न यूनियनों और संगठनों ने धरना-प्रदर्शन किया।
धरने को सम्बोधित करते हुए ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजा बहुगुणा ने कहा कि “आज की तारीख तक ऐक्टू के राज्य महामंत्री के के बोरा के हमलावरों को गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही 19 मई को श्रम कार्यालय रूद्रपुर में के के बोरा के साथ दबंगई करने वाले दो पुलिसकर्मियों पर कोई कार्यवाही की गयी है। जबकि उक्त घटना से ऊधम सिंह नगर के डी.एम., एस.एस.पी. और कमिश्नर कुमाऊं व प्रदेश के मुख्यमंत्री पूरी तरह वाकिफ हैं।” उन्होंने कहा कि “सिड्कुल में पुलिस-कम्पनी का नापाक गठबंधन मजदूरों की लोकतांत्रिक मांगों को उठाने वालों की हत्या करने तक को उतारू हो गया है। यदि 20 मई को डाबर फैक्ट्री के समक्ष के के बोरा पर हमले के वक्त भीड़ न हो गयी होती तो हमलावर घायल के के बोरा को घसीटकर बिना नम्बर की सफेद स्कॉर्पियो में लेजाकर उनकी जान लेना चाहते थे।”
राजा बहुगुणा ने कहा कि “आज पूरे देश और राज्य में इस घटना के विरोध में प्रतिरोध दिवस मनाया जा रहा है। यदि 25 मई तक उक्त मांगों को नहीं माना गया तो 26 मई से बुद्ध पार्क में अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।”
बैंक यूनियन नेता के एन शर्मा ने कहा कि “लोकतंत्र की हर समय दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री में जरा भी नैतिकता है तो तत्काल हस्तक्षेप कर हमलावरों की गिरफ्तारी कराएं।”
जनवादी लोकमंच के नेता आर सी त्रिपाठी ने कहा कि “सरकारें श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन कर रही हैं और अपनी आवाज उठाने वाले मजदूर नेताओं की आवाज खामोश खामोश करने की कोशिशें हो रहीं हैं जो शर्मनाक है।”
भाकपा (माले) के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रथोली ने कहा कि “मजदूरों के अधिकारों और उनके नेताओं पर जो हमले हो रहे हैं, उसके खिलाफ ‘माले’ पूरे प्रदेश में मजदूरों के पक्ष में आंदोलन में सक्रियता से शामिल होगी।”
आर.एम.एल. यूनियन के अध्यक्ष महेश तिवारी ने कहा कि “के के बोरा पर हमला सिडकुल के सभी श्रमिकों पर हमला है जिसका जोरदार प्रतिरोध किया जाएगा।”
इस अवसर पर बी.एस.एन.एल. ठेका मजदूर यूनियन के प्रांतीय उपाध्यक्ष उर्बादत्त मिश्र, उपसचिव ललितेश प्रसाद, मिंडा मजदूर यूनियन के उपाध्यक्ष राजेन्द्र नगरकोटी, महामंत्री सुन्दर सिंह, सेंचुरी पल्प एण्ड पेपर मिल के यूनियन लीडर किशन बघरी, हाईकोर्ट के एडवोकेट दुर्गा सिंह मेहता, अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पुरूषोत्तम शर्मा, जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी, ऐक्टू नेता कैलाश पाण्डेय, नवीन काण्डपाल, शंकर लाल, आशीष, रमन, जगत सिंह, विमला रौथाण, मीना मेहता, पुषकर दुबड़िया, अमर सिंह बोहरा आदि शामिल रहे। संचालन ललित मटियाली ने किया।
धारचूला:
ऐक्टू के बैनर तले धारचूला में ऐतिहासिक प्रदर्शन हुए। ऐक्टू के प्रदेश महाचिव के. के. बोरा पर हुए हमले के खिलाफ ऐक्टू से सम्बद्ध एनएचपीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने निगालपानी, तपोवन, ऐलागाड़ तथा छिरकिला में प्रर्दशन कर प्रदेश सरकार एवं मिण्डा इन्डस्ट्रीज (बैट्री) प्रबन्धन का पुतला फूँका। चारों जगहों पर हुए नारेबाजी एवं प्रदर्शन के साथ हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि पूरे प्रदेश में श्रम कानूनों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। इसके खिलाफ बोलने वालों पर पुलिसायी एवं गुण्डों से हमला किया जा रहा है।
ऐक्टू से सम्बद्ध एनएचपीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने निगालपानी, तपोवन, ऐलागाड़ एवं छिरकिला में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदशनों के बाद मजदूरों ने मिण्डा प्रबन्धन एवं राज्य सरकार का पुतला फूंका। इस दौरान राज्य सरकार व मिण्डा प्रबन्धन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी। इस अवसर पर चारों स्थानों पर सभाएं भी हुई। ऐक्टू के किशन सिंह कुंवर, एनएचपीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उदय सिंह धामी, सचिव विनोद कुमार, उपाध्यक्ष अनूप कुमार के नेतृत्व में हुए सभा-प्रदर्शनों में वक्ता प्रदेश में श्रमिकों के उपर हो रहे अत्याचार एवं शोषण पर जमकर बरसे।
वक्ताओं ने कहा कि मिण्डा प्रबन्धन, राज्य सरकार के संरक्षण से मजदूरों पर पहले पुलिसियायी जुल्म कर रही है। दूसरी ओर मजदूर नेताओं को बाउन्सरों से हमले भी करवा रही है। सरेआम नेशनल हाईवे पर बिना नम्बर प्लेट की स्कार्पियो से आये बदमाश लोहे की रॉड से हमले कर रही है और पुलिस इन दबंगों को ढूंढ तक पाने में नाकामयाब हो रही है।
वक्ताओं ने कहा कि रूद्रपुर के अन्दर श्रमिक बन्धुवा मजदूर के तौर पर काम कर रहे हैं। श्रम कानूनों से लेकर न्यूनतम वेतन तक के नियमों का खुल्ला उल्लंघन हो रहा है और राज्य सरकार इन सब पर अपनी मौन स्वीकृति दे रही है। वक्ताओं ने कहा कि के के बोरा के हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो ऐक्टू के बैनर तले और तीव्र आन्दोलन किये जायेंगे।
इस अवसर पर उक्त के अलावा ऐक्टू के हरीश धामी, नरेन्द्र सिंह, अमर दुग्ताल, पुष्पा, इन्द्र कुमार, बिशन सिंह, लक्ष्मण बोरा, राम सिंह, दान सिंह धामी, मदन सिंह, पदम थलाल सहित सैकड़ों ठेकाकर्मी शामिल थे।
पिथौरागढ़:
ट्रेड यूनियन – एक्टू (ए.आई.सी.सी.टी.यू. – आल इंडिया सेन्ट्रल काउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियंस) के प्रदेश महामंत्री कामरेड के.के.बोरा पर हुए कातिलाना हमले की भाकपा (माले) सहित अनेक संगठनों ने कड़ी भर्त्सना की है। आज यहां मुख्यमंत्री सहित राज्य के पुलिस महानिदेशक को प्रेषित ज्ञापन में मांग की गयी है कि कामरेड के.के.बोरा पर हुए जानलेवा हमले के दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि मजदूर अधिकारों के लिए निरंतर संघर्षरत एक मजदूर नेता पर इस तरह का कातिलाना हमला दिखाता है कि उत्तराखंड में पूंजीपति, पुलिस और गुंडों को सरकारी संरक्षण हासिल है। इसलिए वे बेख़ौफ़ मजदूरों के अधिकारों के हक़ में खड़े होने वालों पर हमला बोल रहे हैं। सिडकुल राज्य सरकार की शह पर मजदूरों और श्रम कानूनों की कब्रगाह बने हुए हैं। अभी कुछ दिनों पहले हरीश रावत मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने के बाद लोकतंत्र की दुहाई देते घूम रहे थे। आज मुख्यमंत्री जवाब दें कि मजदूर नेताओं पर हमला और मजदूरों का उत्पीडन किस लोकतंत्र का प्रदर्शन है?
भाकपा माले के जिला सचिव गोविंद सिंह कफलिया, भाकपा माले के विमल दीप फिलिप तथा हेमंत खाती, जिला ट्रेड यूनियन समन्वयन समिति के अध्यक्ष दिनेश गुरूरानी, उपाध्यक्ष मनोहर सिंह जेठी, महासचिव उम्मेद सिंह बिष्ट, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जगदीश सिंह बोरा, आंगनबाड़ी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष दीपा पाण्डेय तथा जिला अध्यक्ष हीरा भट्ट, आशा फैसिलेटर्स यूनियन की जिला महासचिव दीपा पाठक आदि के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन में मांग की गयी है कि कामरेड के.के.बोरा पर हमला करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी हो, उन्हें उठाने की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए, इस हमले के लिए मिंडा फैक्ट्री प्रबंधन एवं मालिकान पर आपराधिक षड्यंत्र रचने का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए, मिंडा फैक्ट्री के मजदूरों की मांगों पर तत्काल कार्यवाही हो और सिडकुल में मजदूरन के उत्पीडन पर रोक लगाते हुए, श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
रामनगर:
ट्रेड यूनियन नेता के के बोरा पर रुद्रपुर में हुए कातिलाना हमले के विरोध में राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन के क्रम में रामनगर में आज 11.30 बजे विभिन्न जनसंगठनों के कार्यकर्ता प्रगतिशील सांस्कृतिक मंच पैंठ पड़ाव रामनगर में इकट्ठा हुए और दोषियों की गिरफ्तारी, श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाने समेत अन्य मांगों को लेकर जुलुस निकाला गया।
नैनीताल:
नैनीताल में कैंटोन्मेंट यूनियन के पदाधिकारियों और सदस्यों नें के के बोरा पर हमले के दोषियों की गिरफ्तारी, श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाने समेत अन्य मांगों को लेकर धरना दिया।
सिडकुल रुद्रपुर:
सिडकुल रुद्रपुर में सिडकुल संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने भी कॉमरेड के. के. बोरा पर हमला करने वाले हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दिया।
उत्तर प्रदेश और झारखण्ड:
उत्तरप्रदेश में इलाहाबाद और झारखण्ड में धनबाद में भी विभिन्न संगठनों ने ऐक्टू के बैनर तले धरना और विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और हमलावरों की अविल्म्ब गिरफतारी की मांग को लेकर ज्ञापन दिया।
नयी दिल्ली:
नयी दिल्ली में ऐक्टू ने कॉमरेड के. के. बोरा पर हमले के विरोध में और मिण्डा प्रबंधन के रवैय्ये के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया गया तथा रेजीडेंट कमिशनर को हमलावरों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।
गढवाल:
इससे पूर्व कल श्रीनगर गढ़वाल में श्रमिक नेता के के बोरा पर रुद्रपुर में हुए जानलेवा हमले के विरोध में वामदलों, आइसा और मजदूर संगठनों ने मिण्डा फैक्ट्री के प्रबंधन के साथ ही प्रदेश सरकार और रुद्रपुर पुलिस का पुतला फूंका। श्रीनगर के गोला पार्क में पुतला दहन के बाद वक्ताओं ने कहा कि जानलेवा हमला करने वाले हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए बी.एस.एन.एल. एम्प्लॉइज यूनियन के राष्ट्रीय संरक्षक पी बी डोभाल ने कहा कि श्रमिक नेता के. के. बोरा पर जानलेवा हमले को लेकर रूद्रपुर की मिण्डा फैक्ट्री प्रबंधन पर तत्काल आपराधिक षडयंत्र का मुकदमा दर्ज किया जाए। योगेंद्र काण्डपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार की शह पर सिडकुल मजदूरों और श्रम कानूनों की कब्रगाह बन गए हैं। उन्होंने के. के. बोरा को बिना वारंट गिरफ्तार करने की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कड़ी कार्यवाही की मांग की।
आइसा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य अतुल सती ने कहा कि रुद्रपुर में श्रमिक नेता के. के. बोरा पर जानलेवा हमला करवाने वाले पूंजीपतियों और हमला करने वाले गुंडों को सरकारी संरक्षण हासिल है। अतुल सती ने कहा कि मजदूर आंदोलन के खिलाफ पूंजीपति, पुलिस और असामाजिक तत्व सब एक जुट हो गये हैं।
आइसा की श्रीनगर अध्यक्ष शिवानी पांडे ने कहा कि सिडकुल में श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित होना चाहिए। प्रदर्शनकारियों में पी बी डोभाल, अतुल सती, शिवानी पांडे के साथ ही अंकित उछोली, सुबोध डोभाल, मनीष रावत, सुभाष पंवार, अभिषेक जोशी, सी पी रौतियाल भी शामिल थे।