ऐक्टू नेता के हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग – धरने के तीसरे दिन विरोधस्वरूप मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया

हल्द्वानी 28 मई,

WhatsApp-Image-20160529_1के. के. बोरा पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी अभी तक न होने के खिलाफ बुद्ध पार्क हल्द्वानी में चल रहा धरना तीसरे दिन भी जारी रहा। घटना के आठ दिन बीत जाने के बाद भी हमलावरों की गिरफ्तारी न होने से आक्रोशित विभिन्न यूनियनों से जुड़े धरने में शामिल लोगों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत का पुतला दहन किया।

धरने को सम्बोधित करते हुए ऐक्टू नेता कैलाश पाण्डेय ने कहा कि – सरकार का मजदूर विरोधी रवैय्या इस प्रकरण में खुल कर सामने आ गया है। उत्तराखण्ड सरकार पूंजीपतियों के हाथ में खेल रही है। मुख्यमंत्री और श्र्म मंत्री हमलावरों को संरक्षण दे रहे हैं, वरना यह कैसे सम्भव है कि मुख्य अभियुक्त ऊधमसिंहनगर जिलाधिकारी परिसर में घूमता रहे। वह श्रम विभाग कार्यालय में वार्ता कर रहा हो पर पुलिस-प्रशासन को नजर न आ रहा हो। उन्होंने कहा कि – मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री गुनहगारों का पक्ष लेकर अपने विधान सभा चुनाव के लिए सिडकुल के पूंजीपतियों का आर्थिक संरक्षण चाहते हैं तभी मजदूरों की आवाज दबाई जा रही है।
आर.एम.एल. यूनियन के अध्यक्ष महेश तिवारी ने कहा कि – सिडकुल श्रम कानूनों का उल्लंघन करने के मामले में अव्वल हो गया है। मजदूरों को कानूनी अधिकार प्राप्त करने के लिए भी एड़ियां रगड़नी पड़ रही हैं। इस दमन-उत्पीड़न के खिलाफ बोलने पर हमलावर होने वाले मिंडा प्रबंधन के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी।
धरने को उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष कमला कुंजवाल, किसान महासभा के जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी, आशा यूनियन की ओखलकांडा ब्लॉक अध्यक्ष शांति शर्मा,  मोहन लाल आर्या, पंकज इंकलाबी, मिंडा यूनियन के जगदीश मिश्र, बैंक यूनियन के नवीन चंद्र खुल्बे, एम.के. ऑटो यूनियन के अमर सिंह बोहरा, विपिन बोरा, चम्पा माहेश्वरी, बी.एस.एन.एल. यूनियन के नवीन कांडपाल, शंकर लाल, कैलाश चंद्र, राकेश चंद्र, नारायण सिंह मटियाली, भाकपा (माले) के ललित मटियाली, कमल जोशी, माया तिवारी आदि ने भी सम्बोधित किया।
धरना संचालकों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि 29 मई से हल्द्वानी में चल रहा धरना रुद्रपुर में चल रहे धरने के साथ संयुक्त कर दिया जाएगा। इस मुद्दे पर हल्द्वानी के धरने पर बैठ रहे सभी लोग रुद्रपुर जिलाधिकारी कार्यालय में इसी सवाल पर चल रहे धरने में शामिल होंगे।

हल्द्वानी 26 मई,

मजदूर नेता और ‘ऐक्टू’ के प्रदेश महामंत्री के. के. बोरा के हमालावरों की 25 मई तक गिरफ्तारी न होने पर ऐक्टू द्वारा 26 मई से अनिश्चितकालीन करमिक-धरने की चेतावनी दी गयी थी। आज अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार ऐक्टू द्वारा बुद्ध पार्क हल्द्वानी में के. के. बोरा के हमलावरों की गिरफ्तारी होने तक अनिश्चितकालीन क्रमिक धरना शुरू हुआ।
धरने को सम्बोधित करते हुए ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजा बहुगुणा ने कहा कि – “के. के. बोरा पर हमले की प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों और सरकार को पूरी जानकारी होने के बावजूद अभी तक नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी न होना प्रदेश में खौफनाक कानून-व्यवस्था की स्थिति को इंगित करता है।” उन्होंने कहा कि – “कल नैनीताल में डी.जी.पी. उत्तराखण्ड द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहना कि उन्हें प्रकरण की जानकारी नहीं है, गलत तथ्य है। वस्तविकता यह हिअ कि पूरा प्रकरण उनके संज्ञान में घटना के दिन ही ले आया गया था। दूसरी ओर एस.डी.एम. रुद्रपुर द्वारा उल्टे श्रमिक नेताओं को कल शांतिभंग का नोटिस भेजा गया है। इससे पता चलता है कि पुलिस-प्रशासन की कम्पनी प्रबंधन से मिलीभगत है। इसीलिये अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के बजाय उनकी दिलचस्पी श्रमिक नेताओं पर दबाव बनाने की है।”
स्टेट बैंक स्टाफ एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एन. सी. खुल्बे ने कहा कि – “इतने दिन बाद भी मजदूर नेता के हमलावरों का गिरफ्तार न होना प्रशासनिक उदासीनता को दिखाता है। नामजद अभियुक्त खुले घूम रहे हैं, इससे संदेह पैदा होता है।”
उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि – “के. के. बोरा पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी न होने तक आशा वर्कर्स काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगी।”
बैंक यूनियन नेता के. एन. शर्मा ने कहा कि – “मजदूरों की आवाज उठाने वाले नेताओं पर इस तरह से हमला कायराना है और मजदूरों की लोकतांत्रिक मांगों को दबाने की कोशिश है। उतराखण्ड जैसे राज्य में सिडकुल में लोकतंत्र की हत्या चिंतनीय है।”
अखिल भारतीय किसान महासभा के जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि – “के. के. बोरा पर हमले के विरुद्ध किसान भी मजदूरों के पक्ष में उतरकर किसान-मजदूर एकता की मिसाल पेश करेंगे और हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाएंगे।”
धरने में मिंडा यूनियन के राजेंद्र सम्भल, राजेंद्र नगरकोटी, आशा यूनियन की रीना बाला, मुन्नी बिष्ट, लीला बिष्ट, रिंकी जोशी, बैंक यूनियन के के. एन. पांडे, जीवन टम्टा, मुकेश पंत, के. एस. रावत, नारायण सिंह, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, आर. एम. एल. यूनियन के महेश जोशी, गौतम आर्या, पुष्कर तिवारी, डुंगर सिंह, प्रकाश पाठक, योगेश मेहता, मंजू रावत, पंकज इंकलाबी आदि शामिल रहे।

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