दलितों पर लगातार हो रहे हमलों के विरोध में मोदी सरकार का पुतला फूकां

बिन्दुखत्ता 25 जुलाई, 2016।

अखिल भारतीय किसान महासभा व भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के राज में लगातार हो रहे दलित पर हमले के विरोध में कार रोड, भगत सिंह चौक पर मोदी सरकार का पूतला फूकां।

2016_07_27_ Press_Note_imageइस दौरान हुई सभा को सम्बोधित करते हुए किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पुरूषोत्तम शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद दलितों, अल्पसंख्यकों पर संघ परिवार द्वारा सुनियोजित हमले बढ़ रहे हैं। पिछलें दिनों गुजरात, राजस्थान, बिहार समेत कई राज्यों में गौरक्षा के नाम पर दलितों को बुरी तरह से पीटना, उनके मुंह में पेशाब करना, महिलाओं तक के कपड़े उतारकर उनकी बेइज्जती करना जैसे कुकृत्य संघ परिवार की गुण्डा वाहिनीयों द्वारा किये गये हैं। एक के बाद एक दलित उत्पीड़न की घटना सामने आ रही हैं लेकिन मोदी जी सिर्फ भाषण देने के सिवा कुछ नहीं कर पा रहे हैं। स्पष्ट है कि जो हो रहा है वो भाजपा-संघ के इशारे पर सुनियोजित ढंग से हो रहा है। इसकी अगली कड़ी में दलितों की नेता और उत्तर प्रदेश में कई बार मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती को भाजपा नेताओं की दलित विरोधी मानसिकता का शिकार होना पड़ा।

 भाकपा(माले) के जिला सचिव कैलाश पाण्डेय ने कहा कि मोदी जी की सरकार संघ की कठपुतली है और इसी वजह से भाजपा हमेशा दलित-अल्पसंख्यक विरोधी पार्टी रही है। यह दलित विरोध सिर्फ गांव -कस्बों में ही नहीं बल्कि शिक्षा जगत में भी दिखता है। हैदराबाद केन्द्रीय विवि के दलित छात्र रोहित वेमुला की भी संघ परिवार की दलित विरोधी मानसिकता और कृत्यों के कारण सांस्थानिक हत्या हुई है और यह भेदभाव सभी विवि में है। विवि में दलित वर्ग के पदों का न भरा जाना इस बात का उदाहरण है। हाल ही में मोदी सरकार ने आदिवासी विद्यार्थियों को दी जाने वाली स्काॅलरशिप में भी भारी कटौती की है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दलितों के बीच जाकर उन्हें अपना बनाने की नौटंकी करते है दूसरी और भाजपा संगठित ढंग से दलितों पर अत्याचार की कार्यवाही को अंजाम दे रही है। संघ के गौरक्षा दल गौरक्षा के नाम पर आतंक फैला रहे हैं।

 पूतला फूंकने वालों में ललित मटियाली, कमल, बहादुर राम, राजेन्द्र शाह,  गंगा देवी, भाष्कर कापड़ी, काशीराम,  छविराम, पान सिंह कोरंगा, सुधा देवी, सुरमा देवी, विमला रौथाण, मीना मेहता, बसंती बिष्ट, पुष्कर दुबड़िया, गोविंद जीना, नैन सिंह कोरंगा, खीम सिंह, उमेश कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।

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