लालकुआं, 10 मई 2016 अखिल भारतीय किसान महासभा ने राज्य में जारी राजनीतिक अस्थिरता के मद्दे-नजर 11 मई से होने वाली “किसान संघर्ष यात्रा” को 16 मई से शुरू करने का फैसला लिया है. इस आशय की जानकारी किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा ने दी. उन्होंने कहा कि राज्य में लागू राष्ट्रपति शासन के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा विधान सभा में बहुमत साबित कर लेने के बाद भी सरकार के गठन या राष्ट्रपति शासन के लिए उच्चत्तम न्यायालय के आदेश के इंतज़ार के चलते व्याप्त राजनीतिक अस्थिरता के माहौल के चलते “किसान संघर्ष यात्रा” की तारीख बदलनी पड़ी है.
कामरेड शर्मा ने कहा कि अब 16 मई सुबह 10 बजे लालकुआं से “किसान संघर्ष यात्रा” के पहले चरण की शुरुआत की जाएगी. पहले दिन यात्रा लालकुआं से शुरू होकर चीड़खत्ता, सांप कठानी और खसीभोज जाएगी. 17 – 18 मई को बौड़खत्ता से हंसपुर खत्ता तक सभी खत्तों में यात्रा चलेगी. इसके बाद 19 – 20 मई को यात्रा बिन्दुखत्ता में चलेगी. 21 – 22 मई को भाबर और 23 – 24 मई को गौलापार व चोरगलिया में यात्रा चलेगी. उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष यात्रा में उत्तराखंड में कांग्रेस–भाजपा के नेतृत्व में चल रही किसान विरोधी नीतियों, प्राकृतिक संसाधनों की लूट और माफिया राज के खिलाफ किसानों और आम जनता को जागरुक किया जाएगा. साथ ही बिन्दुखत्ता से नगर पालिका हटाने, आन्दोलनकारियों पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लेने, भाबर क्षेत्र से स्टोन क्रशरों को हटाकर अलग क्रशर जोन बनाने, जमरानी बाँध का निर्माण, वन गुर्ज्जर सहित तराई भाबर के सभी खत्तों का एकीकरण और पुनर्वास, किसानों की कर्ज माफी, सूखे से राहत और गन्ने का बकाया भुगतान सहित तमान ज्वलंत मुद्दों को उठाया जाएगा. कामरेड शर्मा ने सभी न्याय पसंद लोगों और क्षेत्र के किसानों से किसान संघर्ष यात्रा को सफल बनाने की अपील की.