भाकपा (माले) ने राज्य में राष्ट्रपति शासन को लोकतंत्र की हत्या बताया

भारत की कम्युनिष्ट पार्टी ( माले ) ने राज्य में आज से लागू राष्ट्रपति शासन को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए विधान सभा को भंग करने और तत्काल नए चुनावों की मांग की है. आज यहाँ जारी बयान में पार्टी के राज्य स्थाई समिति के सदस्य कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि राज्य में कांग्रेस – भाजपा के नेतृत्व में पिछले पन्द्रह वर्षों से प्राकृतिक संशाधनों की लूट पर आधारित माफिया राज चल रहा है.

कामरेड शर्मा ने कहा कि इन माफिया और कारपोरेट ताकतों ने राज्य में अपनी लूट को बढाने के लिए राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बनाया है. इसी का नतीजा है कि पिछले 15 सालों में राज्य में 8 मुख्यमंत्री बदल गए हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त दोनों ओर से हो रही है. इस लिए राज्य में विधान सभा को तत्काल भंग कर राज्य में नए चुनाओं की घोषणा होनी चाहिए. मोदी सरकार द्वारा विधानसभा भंग न करना खुद ही विधायकों की खरीद फरोख्त को बढ़ावा देना है.

केंद्र सरकार पर गैर भाजपा सरकारों को अस्थिर करने का आरोप लगातर हुए कामरेड शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार देश को फासीवादी रास्ते पर ले जा रही है. उन्होंने कहा कि इससे पहले मोदी सरकार ऐसा प्रयोग अरुणांचल प्रदेश में भी कर चुकी है. यही नहीं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला, अखलाक काण्ड, रोहित वेमुला प्रकरण, जेएनयू प्रकरण इस बात के उदाहरण हैं कि मोदी सरकार लोकतंत्र विरोधी सरकार है और असहमति के लिए इस सरकार में कोई जगह नहीं है. उन्होंने सभी लोकतंत्र पसंद ताकतों से राष्ट्रपति शासन का पुरजोर विरोध करने की अपील की है.

उधर राज्य कमेटी सदस्य इन्द्रेश मैखुरी ने कहा कि उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से चल रहा राजनीतिक घटनाक्रम बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है. यह कुल मिलाकर कांग्रेस के भीतर खनन, शराब, जमीन और अन्य माध्यमों से हो रही लूट की हिस्सेदारी के लिए चल रहा संघर्ष और भाजपा का हर हाल में सत्ता पर कब्ज़ा करने की मंशा का नतीजा है. विधानसभा में विशवास प्रस्ताव से एक दिन पहले राष्ट्रपति शासन लगाया जाना दर्शाता है कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार, राज्यों पर राजभवन के जरिये शासन चलाना चाहती है, जो कि निंदनीय है. यह पूरी कार्यवाही यह दर्शाती है कि भाजपा को हरीश रावत द्वारा अनैतिक और भ्रष्ट तरीके अपनाए जाने से सिर्फ यही ऐतराज था कि ये तरीके अपनाने का अवसर भाजपा के पास क्यूँ नहीं है? राष्ट्रपति शासन लगा कर हरीश रावत द्वारा अपनाए जा रहे हथकंडों को अजमाने का अधिकार भाजपा ने स्वयं के लिए अर्जित कर लिया है. एक ऐसे समय में जब कांग्रेस,भाजपा और कांग्रेस के बागी सभी जोड़तोड़ और अनैतिक साधनों के जरिये सत्ता पर कब्ज़ा करना चाहते हैं तो ऐसी  विधानसभा के अस्तित्व में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है. इसलिए भाकपा(माले) यहमांग की यह मांग है कि तत्काल विधानसभा भंग करके नए चुनाव करवाए जाएँ.

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