मोटा हल्दू में गोला गेट की मजदूर बस्ती में अग्निकांड पर अखिल भारतीय किसान महासभा के जांच दल की रिपोर्ट

मोटा हल्दू में गोला गेट की मजदूर बस्ती में अग्निकांड पर अखिल भारतीय किसान महासभा  ने जांच दल गठित कर स्थिति का जायजा लिया. अमानवीय परिस्थितियों में जैसे तैसे दिन काट रहे मजदूरों की  स्थिति को देखते हुए खनन व चुगान में लगे मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी के सम्बन्ध में ई मेल कर राज्यपाल महोदय को ज्ञापन भेजा गया.

ज्ञात हो कि 26 अप्रैल को मोटा हल्दू के गोला गेट से सटी मजदूर बस्ती में लगी संदिग्ध आग में एक गर्भवती महिला की अपने 6 साल के पुत्र के साथ जलकर दर्दनाक मौत हो गयी थी. साथ ही गोला में चुगान कार्य करने वाले मजदूरों की दर्जनों झोपड़ियां भी जल गयी थी. अखिल भारतीय किसान महासभा (अभाकिम) का एक जांच दल 28 अप्रैल को घटना स्थल पर गया. जांच दल में अभाकिम के राज्य अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी, राज्य कार्यकारिणी सदस्य विमला रौथाण और बिन्दुखत्ता कमेटी के सदस्य हरीश भंडारी शामिल थे.

जांच के दौरान उजागर हुए तथ्य इस प्रकार हैं:

  1. जांच दल ने पाया कि घटना स्थल से मृतकों के परिजनों सहित सभी अग्निकांड पीड़ितों को प्रशासन ने वहाँ से हटा दिया है. स्थानीय प्रशासन और वन विकास निगम के अधिकारियों ने इन पीड़ितों को प्रयाप्त राहत देने के बजाए दूसरे दिन ही घटना स्थल से हटा दिया ताकि इनकी पीड़ा बाहर न आ सके. जबकि जिन मजदूरों की झोपड़ियां नहीं जली वे सभी वहीं पर हैं.
  2. जांच दल ने पाया कि गोला में चुगान कार्य करने वाले मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा की कोई भी व्यवस्था न तो स्थानीय प्रशासन या श्रम विभाग ने की है और न वन विकास निगम ने. जांच दल को मजदूरों ने बताया कि अग्निकांड के मृतकों के परिजनों को प्रशासन ने मात्र 25 हजार रूपए दिए हैं जो मृतकों का मजाक उड़ाना है.
  3. अग्निकांड में अपना सारा सामान गवां देने वाले मजदूरों को भी प्रशासन ने प्रयाप्त मुआवजा नहीं दिया है.
  4. जो मजदूर घर जाना चाहते हैं उनका हिसाब न कर उनसे जबरन काम कराया जा रहा है.
  5. कार्य स्थल पर भी मजदूरों-महिला मजदूरों के साथ गालीग्लोज-मारपीट की जाती है और मजदूरों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं है
  6. मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के नाम पर उगाही जा रही करोड़ों की रकम का कोई भी फ़ायदा इन मजदूरों को अब तक नहीं दिया जा रहा है. फिर यह रकम कहाँ खर्च हो रही है कोई नहीं जानता. यह भी एक बड़ा घोटाला है.

उपरोक्त स्थितियों को देखते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा ने उत्तराखण्ड के राज्यपाल महोदय को ज्ञापन भेज कर मांग की है कि-

  1. 26 अप्रैल को मोटा हल्दू गोला गेट पर हुए अग्निकांड के मृतकों के परिजनों को 5 लाख रूपए प्रति मृतक मुआवजा दिया जाय.
  2. अग्निकांड के अन्य पीड़ितों को 30 हजार रूपए प्रति पीड़ित सहायता दी जाए.
  3. गोला दाबका सहित राज्य में चुगान व खनन में लगे सभी मजदूरों का पंजीयकरण के साथ ही 5 लाख रूपए का बीमा का प्रावधान लागू किया जाए जिसका प्रीमियम वन विकास निगम भरे.
  4. सभी मजदूरों के लिए स्थाई टिन शैड का निर्माण किया जाए. वहाँ पीने के पानी की व्यवस्था हो.
  5. मजदूरों को स्वास्थ्य सुविधा दी जाए और उनके बच्चों की पढाई व क्रेच की व्यवस्था की जाए.
  6. नदियों के हर चुगान गेट पर मजदूरों को सस्ता राशन व मिट्टी तेल की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन करे.
  7. जब तक गोला या अन्य नदियों में चुगान कार्य होता है तब तक मजदूरों की सुरक्षा के लिए हर गेट पर अस्थाई पुलिस चौकी खोली जाय जिसमें महिला पुलिस कर्मी भी शामिल हों.
  8. इन मजदूरों के सामजिक कल्याण के लिए उगाही जा रही करोड़ों की रकम अब तक कहाँ खर्च हुई इसकी न्यायायिक जांच की जाए.
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