वामपंथी पार्टियां, जे. एन. यू. के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी की निंदा करती हैं और उनकी तत्काल रिहाई की मांग करती है. यह दमनात्मक और तानशाहीपूर्ण कार्यवाही है
जे.एन.यू. में लगाए गए-भारत की बर्बादी जैसे नारों से न हम सहमत हैं, न हम उनके समर्थक हैं. साथ ही यह भी स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि उससे हमारे छात्र संगठनों का भी कोई सम्बन्ध नहीं है. लेकिन उक्त कार्यक्रम की आड़ में संघ गिरोह द्वारा एक सम्पूर्ण विश्वविद्यालय-जे.एन.यू. तथा समूचे वामपंथ के खिलाफ घृणा अभियान चलाया जाना भी अत्यंत आपत्तिजनक और निंदनीय है. यह दरअसल संघ-भाजपा की बौखलाहट को ही दर्शाता है कि वे एक समूचे विश्वविद्यालय और वामपंथ के खिलाफ घृणा अभियान चला रहे हैं. एफ.टी.आई.आई., नॉन-नेट फेलोशिप, अक्युपायी यू.जी.सी. और रोहित वेमुला के लिए न्याय की मांग के लिए चले आन्दोलन में छात्रों के सामने मोदी सरकार लाचार दिखी. जे.एन.यू. और वाम छात्र संगठन उस आन्दोलन के अगुवा थे. इसलिए समूचे जे.एन.यू. और वामपंथ के खिलाफ इस मौके को बदला चुकाने के अवसर के रूप में संघ-भाजपा और मोदी सरकार इस्तेमाल करना चाहती है.
जे.एन.यू. की घटना के विरोध की आड़ में जिस तरह देहरादून में एस.एफ़.आई. के कार्यालय पर अभाविप के लोगों ने हमला किया और श्रीनगर में आइसा के पोस्टर फाड़े गए, वह दर्शाता है कि भाजपा का छात्र संगठन इस मौके का इस्तेमाल उन्माद और गुंडई के लिए करना चाहता है. हम देहरादून में एस.एफ.आई. के कार्यालय पर हमले के दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किये जाने की मांग करते हैं.
इन्द्रेश मैखुरी – राज्य कमेटी सदस्य – भाकपा(माले)
राजेन्द्र सिंह नेगी – राज्य सचिव – माकपा
आनंद सिंह राणा – राज्य सचिव – भाकपा