हरिद्वार जिले के लंढौरा में जिस तरह से एक मामूली विवाद ने बड़े बवाल का स्वरुप लिया, वाम पार्टियाँ- भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) इस दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय समझती हैं. दूकान खाली कराने के लिए जिस तरह दबंगई का इस्तेमाल करते हुए कानून अपने हाथ में लिया गया और उसके बाद जिस तरह उपद्रव हुआ, दोनों ही को ठीक नहीं ठहराया जा सकता. पूरी प्रशासनिक मशीनरी जिस तरह से हालात को काबू करने में लाचार नजर आई, वह भी गंभीर मसला है. घटना की गम्भीरता का पूर्वानुमान लगाने और उसे नियंत्रित करने में प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह विफल रही है. ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत का पूरा ध्यान अपने विधायकों को मनाने पर ही केन्द्रित है. इसलिए प्रदेश में अन्य गंभीर घटनाओं पर ध्यान देने की उन्हें फुर्सत ही नहीं है.
भाजपा और कांग्रेस, जिस तरह इस घटना को राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं, वह शर्मनाक और निंदनीय है. ख़ास तौर पर चरणबद्ध तरीके से शांत होते माहौल में खलल डालने के लिए भाजपा के बड़े नेता आये दिन लंढौरा जाने की कोशिश कर रहे हैं, वह भाजपा की विभाजनकारी राजनीति को ही प्रकट करता है.
वाम पार्टियाँ, सभी लोगों से शान्ति और सौहार्द बनाए रखने की अपील करती हैं और यह निवेदन करती हैं किसी उकसावे में न आयें. चूँकि पुलिस प्रशासन घटना की गंभीरता का पूर्वानुमान लगाने और समय पर उसे नियंत्रित करने में विफल रहा है, इसलिए अब अपने असफलता छुपाने के लिए निर्दोषों की धरपकड़ और उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए.
- राजेन्द्र सिंह नेगी, राज्य सचिव, माकपा
- आनंद सिंह राणा, राज्य सचिव, भाकपा
- इन्द्रेश मैखुरी, राज्य कमेटी सदस्य, भाकपा (माले)