विधानसभा और सचिवालय के निर्माण का टेंडर निरस्त कर गैरसैंण को राज्य की राजधानी घोषित किया जाए

कर्णप्रयाग 13 जुलाई 2016,

भाकपा(माले) देहरादून में नया विधानसभा एवं सचिवालय भवन के निर्माण की सरकार की कवायद का विरोध करती है। 13 जिलों के छोटे से राज्य में तीन विधानसभा भवनों और दो सचिवालय भवनों का कोई औचित्य नहीं है। यह सार्वजानिक धन की बर्बादी है।

press conferenceआज यहां एक संयुक्त प्रेस वार्ता में पार्टी के राज्य कमेटी सदस्य इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि देहरादून के रायपुर में विधानसभा भवन बनाने के लिए टेंडर जारी होने के साथ ही एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार की मंशा गैरसैंण को राजधानी बनाने की नहीं है और इसलिए वहां विधानसभा भवन सिर्फ एक ऐसा झुनझुना है, जिसके जरिये राज्य सरकार लोगों की भावनाओं का दोहन करना चाहती है और इस मसले पर पैदा होने वाले आक्रोश को नियंत्रित करना चाहती है|

यह भी उल्लेखनीय है कि रायपुर में विधानसभा भवन निर्माण के टेंडर जारी होने के बाद विधानसभा के अध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह कुंजवाल और नेता प्रतिपक्ष श्री अजय भट्ट द्वारा रायपुर में विधानसभा भवन बनाने के खिलाफ सार्वजानिक बयान दिए गए| श्री कुंजवाल द्वारा तो यहाँ तक कहा गया कि उनकी जानकारी में रायपुर में विधानसभा भवन बनाने का प्रस्ताव ही नहीं है| यह बेहद अफसोसजनक है कि विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे हुए उक्त दोनों महानुभाव लोगों की आँखों में धूल झोंकने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं|

कर्णप्रयाग के नगर पालिका अध्यक्ष सुभाष गैरोला तथा परिवर्तन यूथ क्लब के संयोजक अरविंद सिंह चौहान ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि सूचना का अधिकार (आर.टी.आई.) से प्राप्त दस्तावेज बता रहे हैं कि उत्त्तराखंड की विधानसभा में बैठने वाले सभी लोगों में इस बात पर सहमति है कि देहरादून के रायपुर में विधानसभा भवन बने। 12 दिसम्बर 2013 का पत्रावली संख्या -1662/xxxii/2013-01(तेरह)(51)/2013, राज्य संपत्ति अनुभाग- 1 विस्तार से देहरादून के रायपुर में विधानसभा भवन बनाने की योजना की चर्चा करता है। इस पत्र में यह दर्ज है कि रायपुर में विधानसभा भवन बनाने पर मा. विधानसभा अध्यक्ष और मा. नेता प्रतिपक्ष की सहमति राज्य सरकार द्वारा प्राप्त की गयी है।

भाकपा माले का मत है कि 13 जिलों के छोटे से राज्य में तीन विधानसभा भवनों और दो सचिवालय भवनों का कोई औचित्य नहीं है। यह सार्वजानिक धन की बर्बादी है। इसलिए हमारी मांग है कि रायपुर में विधानसभा और सचिवालय के निर्माण का टेंडर निरस्त किया जाए और तत्काल गैरसैंण को राज्य की स्थायी राजधानी घोषित किया जाए।


इंद्रेश मैखुरी

राज्य कमेटी सदस्य, भाकपा(माले)

Back-to-previous-article
Top