नैनीताल, 09 जून 2016
मजदूर नेता और ‘ऐक्टू’ के प्रदेश महामंत्री के. के. बोर पर हमले के 20 दिन बीत जाने के बाद भी हमलावरों की गिरफ्तारी न होने के खिलाफ ‘ऐक्टू’ के आह्वान पर कुमाऊँ कमिश्नरी में तल्लीताल डांट पर एकदिवसीय धरने का अयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न यूनियनों, संगठनों व पार्टियों ने भागीदारी कर मुख्यमंत्री से एकस्वर में हमले के नामजद अभियुक्त व अन्य हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
धरने को सम्बोधित करते हुए ‘ऐक्टू’ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजा बहुगुणा ने कहा कि, “सरेआम दिन के वक्त राष्ट्रीय राजमार्ग रुद्रपुर में मजदूर नेता पर कातिलाना हमला किया गया, उनके अपहरण का प्रयास किया गया लेकिन बीस दिन बीत जाने के बाद भी हमलावर खुले आम घूम रहे हैं। हरीश रावत की सरकार में उत्तराखण्ड में कानून का राज नहीं जंगलराज चल रहा है।” उन्होंने कहा कि, “हमले के एक दिन पहले पुलिस ने जबरन के. के. बोरा को उठाने की कोशिश की थी, यह बताता है कि रुद्रपुर का पुलिस-प्रशासन मिंडा मैंनेजमेंट से मिलकर मजदूर उत्पीड़न कर रहा है।” उन्होंने कहा कि’ “ऐक्टू और श्रमिकों की सिडकुल में लड़ाई सरकार की उस नीति के खिलाफ है जिसमें मजदूरों की कोई यूनियन नहीं, कोई न्यूनतम मजदूरी नहीं, कोई अधिकार नहीं दिया जाता है। मजदूर, सरकार और पूंजीपतियों की इस नीति के खिलाफ श्रमिक अधिकारों और लोकतांत्रिक हक के लिये लड़ रहे हैं जो जारी रहेगी।”
भाकपा (माले) राज्य सचिव राजेंद्र प्रथोली ने कहा कि, “मजदूर नेता पर हमला कर पूंजीपतियों ने मजदूरों का हौसला तोड़ने की कोशिश की है परंतु मजदूरों ने अपनी एकता से दिखा दिया है कि उनका मनोबल टूटा नहीं है।” उन्होंने कहा, “जिस तरह की सोची समझी उदासीनता हरीश रावत ने इस प्रकरण में ओढ़ी है उसने दिखा दिया है कि मजदूर उत्पीड़न के मामले में वे मोदी से कहीं भी पीछे नहीं हैं।”
प्रख्यात रंगकर्मी जहूर आलम ने कहा कि, “राज्य में कामगारों के लोकतांत्रिक अधिकारों की जिस तरह हत्या हो रही है वह शोचनीय प्रश्न है। सभी लोकतांत्रिक ताकतों को इस की खिलाफत करनी होगी।”
उत्तराखण्ड बैंक इम्प्लॉइज यूनियन के अध्यक्ष प्रवीन शाह ने कहा कि, “मजदूर नेता पर हुए हमले की निंदा करते हुए बैंक यूनियन उनसे एकजुटता जाहिर करती है तथा मांग करती है कि तत्काल के. के. बोरा पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी हो और सिडकुल में श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित किया जाए।”
‘ऐक्टू’ के प्रदेश महामंत्री के. के. बोरा ने कहा कि, “सत्ता का दमन हमें तोड़ नहीं सकता। मजदूरों का संघर्ष अंतिम दम तक जारी रहेगा।”
पूर्व विधायक नारायण सिंह जंतवाल ने कहा कि, “मजदूरों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हो रहे हमले की तीव्र निंदा करते हुए मैं मांग करता हूं कि हमलावरों की गिरफ्तारी हो। साथ ही हमारा मानना है कि ऐसे हमलों के खिलाफ सबको एक मंच पर आना होगा।”
उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने कहा कि, “नैनीसार से लेकर सिडकुल तक हो रहे हमले सुनियोजित हैं। इनका प्रतिकार जरूरी है।”
क्रालोस के सुशील कुमार ने कहा कि, “लोकतांत्रिक स्पेस लगातार कम हो रहा है। बोलने वालों पर हमले हो रहे हैं। इसके खिलाफ लोकतांत्रिक ताकतों को एक होना होगा।”
धरने को नैनीताल नगरपालिका अध्यक्ष श्याम नारायण, एडवोकेट दुर्गा सिंह मेहता, उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष कमला कुंजवाल, अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा, वरिष्ठ किसान नेता बहादुर सिंह जंगी, आनंद सिंह नेगी, निशान सिंह, आर एम एल यूनियन के अध्यक्ष महेश तिवारी, मंत्री मेटल्स यूनियन के महामंत्री निरंजन, इको सेंसिटिव विरोधी संघर्ष मोर्चा के संयोजक ललित उप्रेती, आशा नेता रजनी भट्ट, कैलाश जोशी, अनिल रजवार, सीपीएम के योगेश पचौलिया, ऐक्टू के ऊधमसिंहनगर जिला महामंत्री दिनेश तिवारी, सुरेश डालाकोटी, कुलविंदर कौर, रीता कश्यप, नैनीताल समाचार के संपादक राजीव लोचन शाह, पंकज इंकलाबी आदि ने संबोधित किया। धरने के बाद कुमाऊँ कमिश्नर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।