अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले लालकुआं तहसील पर अनिश्चित कालीन सामूहिक भूख हड़ताल जारी

राज्य सरकार द्वारा बिन्दुखता को नगर पालिका बनाने व प्रशासक नियुक्त करने के खिलाफ अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले लालकुआं तहसील पर घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम और अनिश्चित कालीन सामूहिक भूख हड़ताल जारी है. राज्य सरकार और स्थानीय विधायक द्वारा जनता से की गयी वादाखिलाफी पर किसानों में भारी गुस्सा है. कल से सामूहिक भूख हड़ताल पर बैठे 27 आन्दोलनकारियों में से आज 15 आन्दोलनकारियों ने अपनी भूख हड़ताल को जारी रखा है. उनके साथ आज आन्दोलनकारी गोपालराम भी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. क्षेत्र के सैकड़ों किसान आज दिन भर आन्दोलन स्थल पर आते रहे जिनमें महिलाओं की संख्या भी काफी थी. दिन भर आन्दोलन स्थल पर विरोध सभा और नारेबाजी जारी रही. भूख हड़ताल जारी रखने वालों में भुवन जोशी, कुंवर सिंह चैहान, बिशन दत्त जोशी, आनंद सिंह दानू, उमेद सिंह मेहता, पोखर सिंह कोरंगा, हरीश चन्द्र सिंह भंडारी, पान सिंह बिष्ट, शंकर दत्ता कापडी, देव सिंह बिष्ट, शेर सिंह कोरंगा, मंगल सिंह कोश्यारी, महेंद्र सिंह रावत, लक्षमण सिंह राठौर ने अपनी भूख हड़ताल जारी रखी. उनके साथ पुष्करर्सिंह पांडा और गोपाल राम भी भूख हड़ताल पर बैठे.

आज यहाँ पर आन्दोलन की समर्थन में आये भाकपा(माले) राज्य सचिव राजेंद्र प्रथोली ने कहा कि पूरे देश में किसानों की जमीन हड़पने का अभियान चल रहा है. एक तरफ कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध का नाटक कर रही, वहीँ खुद कांग्रेस सरकार भू-माफिया के इशारे पर बिन्दुखत्ता को नगर पालिका बना कर यहाँ के ग़रीबों को उनकी जमीनों से बेदखल करने की साजिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इस सरकार को नगर पालिका वापस लेनी होगी.

विरोध सभा को संबोधित करते हुए आन्दोलन के नेता और अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि सरकार का यह फैसला सीधे-सीधे बिन्दुखत्ता के किसानों की जमीनों को हड़पने की साजिश है. उन्होंने कहा कि नगर पालिका के खिलाफ जनता की आपत्तियों पर भी कोई सुनवाई किये बिना नगर पालिका की अधिसूचना जारी कर दी गई. राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत व स्थानीय विधायक व श्रम मंत्री हरीश दुर्गापाल ने बिन्दुखत्ता के किसानों के साथ धोखा किया है और भू-माफिया व चंद ठेकेदारों के हित में बिन्दुखत्ता को नगर पालिका बनाने का निर्णय लिया है, उन्होंने कहा कि यह लड़ाई जमीन और आजीविका बचाने की लड़ाई है. बिन्दुखत्ता के किसान किसी भी हालात में सरकार की साजिशों को कामयाब नहीं होने देंगे.

उन्होंने कहा कि भाजपा के स्थानीय नेता जनता के आन्दोलन के दबाव में नगर पालिका का विरोध कर रहे हैं, पर इस सवाल पर नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने आज तक विधानसभा में कोई आवाज नहीं उठाई है. यही नहीं क्षेत्र के सांसद व भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी भी अब तक इस सवाल पर मौन साधे हैं. किसान नेता ने कहा कि जनता भाजपा के इस दोहरेपन से अच्छी तरह वाकिफ है.

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) के जिला सचिव कामरेड कैलाश पाण्डेय ने कहा कि जमीन और आजीविका की इस लड़ाई में भाकपा (माले) बिन्दुखत्ता के किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है. उन्होंने कहा की यह सरकार कायरों की सरकार है जो जनता की पीठ पर वार कर रही है. सभा को लीला चंदोला, पुष्कर पांडा आदि किसान नेताओं ने भी संबोधित किया. सभा का संचालन ललित मटियाली ने किया.

इससे पूर्व आज 2 बजे दोपहर में भाकपा (माले) के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रथोली ने कल से भूख हड़ताल पर बैठी बसंती बिष्ट, सूरमा देवी, उदियादेवी, मीना देवी, गंगादेवी, समर गोस्वामी, मानसिंह फर्स्वाण, त्रिलोक राम, मोहन सिंह मेहता, भीम सिंह, कमलापति जोशी, श्याम सिंह बिष्ट, रमेश चन्द्र पलड़िया को जूस पिलाकर उनकी भूख हड़ताल को खुलवाया. धरने में पूर्व सैनिक कुंदन सिंह बिष्ट, शंकर शिंह चुफाल, आनंद सिजवाली, लक्षमण सुयाल, विमला रौथान, पुष्कर दुबड़िया, नारायण सिंह कोरंगा, धरम सिंह कोश्यारी, पदम् सिंह सुयाल, भवान सिंह सुयाल, दिलीप सिंह सुयाल,राजेन्द्र सिज्वाली, रमेश भत्ता, मोहनी देवी, हिमा कोरंगा, आनंदी देवी जोशी, दीपा कोरंगा, प्रभात पाल, चन्दन सिंह देवलिया, एस डी जोशी, भगवान सिंह भैंस्वडा, हँसी जोशी, मोहन सिंह थापा, हेमादेवी, हयात सिंह धामी सहित सैकड़ों किसान दिन भर आन्दोलन स्थल आन्दोलन में शरीक होते रहे.2015_03_26_press_note_photo_1

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