आपदा के दो वर्ष पूरे हो जाने के बाद भी पीडि़तों के पुर्नवास की कोई व्यवस्था नहीं

लालकुआं 16 जून 2015

‘‘जून 2013 में उत्तराखण्ड में आयी भीषण आपदा के दो वर्ष पूरे हो जाने के बाद भी पीडि़तों के पुर्नवास की कोई व्यवस्था नहीं हुई है और आपदा राहत में नित नये घोटाले सामने आ रहे हैं। आपदा घोटाला राज्य बनने के बाद का सबसे बड़ा घोटाला बनकर सामने आया है। आपदा को भी घोटाले का अवसर मानने वालों को जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिये।‘‘ भाकपा(माले) और अखिल भारतीय किसान महासभा के संयुक्त बैनर तले लालकुआं तहसील पर ‘माले‘ के राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत हुए धरना-प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए भाकपा(माले) के जिला सचिव कैलाश पाण्डेय ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि “घोटाले की बात सामने आने के बाद सूबे के मुखिया द्वारा जिस तरह से लीपापोती करने वाले बयान दिये गये हैं वह शर्मनाक है। मुख्यमंत्री घोटालेबाजों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”

 

अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य पार्षद बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि “जब भी उत्तराखण्ड में किसी घोटाले की बात सामने आती है तो कांग्रेस -भाजपा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में उलझ जाती हैं । पर आज तक सन् 2000 से लेकर अत तक कांग्रेस-भाजपा के राज में उत्तराखण्ड में 122 घोटाले हो चुके हैं पर एक भी दोषी के खिलाफ एफ0आई0आर0 तकक दर्ज नहीं की गयी। आपदा घोटाले में तो मानवता को शर्मशार कर अधिकारियों -नेताओं ने सैकड़ों लोगों की कब्र पर ऐय्याशी की । ऐसे में घोटाले की सी0बी0आई0 जांच के अलावा कोई रास्ता नहीं है।” उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी आपदा के बाद भी सरकार की नींद नहीं खुली है और आज भी उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र में रह रही लाखों की आबादी आपदा के खौफ के बीच जीने को मजबूर है। अभी तक एक भी परिवार का पुनर्वास नहीं हो पाया है।


धरने को भुवन जोशी, लक्ष्मण सुयाल, बसंती बिष्ट, गोपाल गडि़या, ललित मटियाली, विमला रौंथाण, पुष्कर सिंह पांडा आदि ने भी सम्बोधित किया। धरना प्रदर्शन में गोविंद सिंह जीना, पुष्कर दुबडि़या, पान सिंह कोंरंगा, रतन सिंह, बिशन दत्त जोशी, गोविन्द बल्लभ नैनवाल, भाष्कर कापड़ी, केदारीराम, हेमा देवी, लक्ष्मण सिंह राठौर, नैन सिंह बिष्ट, शंकर जोशी, किशन नाथ, आलम सिंह परिहार, कुन्दन बिष्ट, राधा देवी, आनन्दी कार्की, दीपक, हरीश भण्डारी, लाखन सहित कई लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र शाह ने किया।

 

धरना-प्रदर्शन के माध्यम से मांग की गयी कि-आपदा राहत में हुए घोटालों की सी0बी0आई0 जांच की जाए, सभी आपदा प्रभावित गांवों का पुनर्वास किया जाए, बेमौसमी बरसात से नष्ट हुई कृषि उपज का सभी किसानों को मुआवजा दिया जाए तथा गौला नदी पर तटबंधों का निर्माण कर बिन्दुखत्ता पर आस पास के क्षेत्रों में आने वाली भावी आपदा को होने से रोका जाए।

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