पुलिस द्वारा भूख हड़तालियों को जबरन उठाने की कड़ी निंदा

2015_03_28_press_note_photo_4बिन्दुखत्ता को नगर पालिका बनाने के खिलाफ लालकुआं तहसील पर सामूहिक भूख हड़ताल पर बैठे 13 में से 8 आन्दोलन कारियों को  कल रात 12 बजे जबरन उठाने की अखिल भारतीय किसान महासभा ने कड़ी निंदा की है. किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि मात्र तीन दिन में ही भूख हड़तालियों को पुलिस द्वारा जबरन उठाना सरकार और श्रम मंत्री की ओर से आन्दोलन को तोड़ने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि सभी 8 अनशनकारियों ने बेस अस्पताल हल्द्वानी में भी अपना अनशन जारी रखा है. किसानों का यह आन्दोलन और भी व्यापक होता जा रहा है. पुलिस द्वारा आन्दोलनकारियों को जबरन उठा ले जाने की खबर फैलते ही आज सुबह से सैकड़ों लोगों का हुजूम आन्दोलन स्थल पर उमड़ता रहा. शाम तक लगभग 600 लोग आन्दोलन स्थल पर समर्थन देने पहुंचे. दिन भर भारी संख्या में महिलाएं भी आन्दोलन स्थल पर डटी रही. शाम को क्षेत्र के सैकड़ों नौजवानों ने सड़क पर उतर कर लालकुआं बाजार में मशाल जुलूस निकालकर अपना प्रतिवाद दर्ज किया.

हल्द्वानी बेस अस्पताल में अपना अनशन जारी रखने वाले वरिष्ठ किसान नेता बिशन दत्त जोशी,  मंगल सिंह कोश्यारी,  देव सिंह बिष्ट,  कुंवर सिंह चौहान, शेर सिंह कोरंगा, गोपाल राम, पदम् सिंह कोरंगा, नरपत सिंह  शामिलं हैं. आज आन्दोलन स्थल पर सामूहिक भूख हड़ताल पर बैठने वालों में किसान महासभा के वरिष्ठ नेता लक्षमण सुयाल, राजेन्द्र शाह, ललित जोशी, बसंती बिष्ट, विपिन सिंह बोरा, गणेश राम, जगत सिंह बोरा, गोविन्द राम, हरीश गिरी, गोपाल सिंह शाही, शामिल हैं.

आज भाकपा (माले) केन्द्रीय कमेटी के सदस्य कामरेड राजा बहुगुणा भी आन्दोलन को समर्थन देने पहुंचे. आन्दोलन स्थल पर हुई विरोध सभा को सम्बोधित करते हुए कामरेड बहुगुणा ने कहा कि बिन्दुखत्ता को राजस्व गाँव और भाबर के लिए जमरानी बाँध का निर्माण क्षेत्र की प्रमुख समस्या हैं जिसे भाकपा (माले) ने उठाया और आज सभी पार्टियाँ इसका समर्थन करती हैं. मगर इस सरकार ने बिन्दुखत्ता को नगर पालिका बना कर क्षेत्र के लोगों के साथ धोखा किया है. उन्होंने कहा कि रावत सरकार को जनता का सामना करने की हिम्मत नहीं है. यह सरकार माफिया परस्त सरकार है. सभा को किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारी जमीनों पर नजर गडाए भू-माफिया और उनके प्रतिनिधि हरीश दुर्गापाल के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.

सभा को भुवन जोशी, लक्षमण सुयाल, बसन्ती बिष्ट, दलबीर सिंह कपोला, रमेश चन्द्र, गोपाल गाडिया, आनंद सिजवाली, कुंदन सिंह बिष्ट आदि किसान नेताओं ने भी संबोधित किया. धरने में साथ देने वालों में आलम सिंह परिहार, पानसिंह रेंकवाल, धर्मबीर सिंह रावत, पुष्कर पांडा, कमलापति जोशी, गोपाल जोशी, ज्ञान चाँद आदि सैकड़ों लोग थे.

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