बिन्दुखत्ता को नगरपालिका बनाये जाने का विरोध

बिन्दुखत्ता, 21 मार्च।
अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में आज बिन्दुखत्ता कार रोड चैराहे पर लोगों ने बिन्दुखत्ता को नगरपालिका बनाये जाने के विरोध में मुख्यमंत्री हरीश रावत और श्रम मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल का पूतला फूंका।

इस दौरान हुई सभा को सम्बोधित करते हुए किसान महासभा के बिन्दुखत्ता एरिया सचिव भुवन जोशी ने कहा कि बिन्दुखत्ता की जनता पर जबरदस्ती नगरपालिका थोपना राज्य सरकार की निरंकुशता का प्रतीक है। आज के अखबारों में नगरपालिका के प्रशासक नियुक्त होने की खबर से क्षेत्र के लोगों में रोष है। कांग्रेस और दुर्गापाल के लोग कह रहे हैं कि लोग नगरपालिका बनने से खुश हैं। अगर ऐसा है तो दुर्गापाल जी की सभाओं में लोग नदारद क्यों थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और काबिना मंत्री दुर्गापाल और उनके लगवों-भगवों को फायदा पहुंचाने के लिए ही नगरपालिका बनाने पर तुले हुए हैं। उन्होेंने कहा कि बिन्दुखत्ता से बसासत के समय से ही यहां की जनता राजस्व गांव की मांग करते आ रहे हैं और यहां के विधायकों से कितनी बार विधानसभा में राजस्व गांव बनाने का प्रस्ताव लाने के लिए ज्ञापन दिया था। इसके बावजूद 2 बार विधायक व मंत्री बने हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने जनता के साथ गद्दारी कर विधानसभा में नगरपालिका का प्रस्ताव जारी कर दिया। जिसे कांग्रेस सरकार ने बिना जनता की राय लिये चोरी-छिपे साजिशन तरीके नगरपालिका की अधिसूचना जारी कर दी।

17 मार्च को विधानसभा में मुख्यमंत्री ने किसान महासभा के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया था कि “बिना जनता की राय लिये बिना सरकार नगरपालिका नहीं बनायी जायेगी।” परंतु कांग्रेस सरकार द्वारा बिन्दुखत्ता में नगरपालिका प्रशासक नियुक्त कर दिये गये। इसके खिलाफ किसान महासभा तुरंत हजारों की संख्या में किसानों को गोलबंद कर तहसील का घिराव कर मुख्यमंत्री हरीश रावत के नाम अपने फैसले पर पुर्नविचार करने हेतु ज्ञापन सौपेंगी।

किसान महासभा के शंकरदत्त जोशी ने कहा कि काबिना मंत्री दुर्गापाल नगर पालिका बनाकर किसानों की जमीनों को लूटकर भू-माफियाओं, बिल्डरों और दलालों को मालामाल कर देना चाहते हैं और अपने कुछ चुने हुए कार्यकर्ताओं को चैयरमैन, पार्षद और सरकारी नौकरी का फायदा देना चाहते हैं। नगरपालिका का समर्थन कुछ गिने चुने लोग कर रहे हैं और वहीं इससे खुश भी हैं।

भाकपा(माले) के ललित मटियाली ने कहा कि अगर राज्य सरकार नगरपालिका वापस नहीं लेती है तो इसका खामियाजा कांग्रेस सरकार और दुर्गापाल को भुगतना पड़ेगा। क्षेत्र में घुसने पर नेताओं का जनता द्वारा भारी विरोध किया जायेगा। किसान महासभा इस आंदोलन को और तीखा करेगी। सड़क पर उतरकर हजारों किसान सत्याग्रह आंदोलन करेंगे।

पुतला दहन कार्यक्रम में भुवन जोशी, शंकरदत्त जोशी, चन्द्रशेखर उपाध्याय, धन सिंह, गोविन्द जीना, अरूण, ललित, शंकर सिंह चुफाल, मीना देवी, महेश्वरी देवी, विमला रौंथाण, निर्मला, पनीराम आर्या, प्रताप सिंह, पान सिंह दानू, प्रवीन सिंह दानू, नारायण नाथ, पुष्कर दुबडि़या, बिशनदत्त जोशी, पानदेव जोशी, दिनेश जोशी, कमल जोशी, प्रभात पाल, अजय पाल, बहादुर पाल, उम्मेद सिंह, पान सिंह अधिकारी, राजेन्द्र प्रथोली समेत कई लोग मौजूद थे।

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