मोदी सरकार के खिलाफ किसान महासभा द्वारा राष्ट्रव्यापी विश्वासघात दिवस

बिन्दुखत्ता, लालकुआं 27 मई.
मोदी सरकार के खिलाफ किसान महासभा द्वारा राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत कार रोड बिन्दुखत्ता में कल शाम सभा कर विश्वासघात दिवस मनाया गया।
कार रोड पर हुई नुक्कड़ सभा को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य पार्षद बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि मोदी सरकार पूंजीपतियों, काॅरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए मजदूर, किसान विरोधी नीतियों को लागू करने के लिए अध्यादेशों का सहारा ले रही है। मोदी सरकार में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला इतना बढ़ गया है कि गुजरात, महाराष्ट्र सहित अब उत्तर पूर्वी राज्यों में भी किसान भारी तादाद में आत्महत्या करने को मजबूर हैं। मोदी सरकार द्वारा लाये जा रहे भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लागू होने के बाद किसान आत्महत्या की दर कई गुना बढ़ जायेगी। मोदी सरकार द्वारा लाये जा रहे अध्यादेश में पिछली सरकार द्वारा किये गये कई प्रावधान जो किसान हित में थे, खत्म कर दिये गये हैं। भूमि अधिग्रहण करने के लिए 70 व 80 फीसदी किसानों की सहमति, भूमि अधिग्रहण के प्रभाव का सामाजिक मूल्यांकन, जिस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की गयी उस प्रोजेक्ट में न लगने पर किसानों को भूमि की वापसी आदि जरूरी प्रावधान मोदी सरकार द्वारा हटा दिये गये हैं। ऐसे में यह अध्यादेश पूरी तरह से किसान विरोधी साबित होगा।
सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा (माले) के जिला सचिव कैलाश पाण्डेय ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव से पूर्व मजदूर, किसान, बेरोजगारों, युवाओं के लिए जो वायदे किये थे सब जुमलेबाजी साबित हुए हैं। मोदी सरकार ने आते ही केन्द्रीय नौकरियों में एक साल की रोक लगा दी। प्रतिबंधित बाल श्रम को पूंजीपतियों और धन्नासेठों को फायदा पंहुचाने के लिए कानूनी किया जा चुका है। मजदूरों के बचे-खुचे श्रम अधिकारों को खत्म करने के लिए श्रम कानूनों में कटौती देशी-विदेशी काॅरपोरेट घरानों और पूंजीपतियों को फायदा पंहुचाने के लिए की जा रही है। श्रम कानूनों में बदलाव से 300 मजदूरों की छटनी पर कोई भी अपील कोर्ट में नहीं की जा सकेगी, फैक्ट्री मालिक श्रम कानून व पर्यावरण कानून सहित फैक्ट्री में लागू होने वाले तमाम कानूनों के लिए स्वप्रमाणित प्रमाण पत्र जारी कर सकेगा। इसके अतिरिक्त मोदी सरकार ने ईपीएफ, रेलवे, रक्षा, बीमा में एफडीआई लाने का जनविरोधी फैसला लाकर हिटलरशाही पर उतर आयी है।
कैलाश पाण्डेय ने कहा कि मोदी नेृतत्व की भाजपा सरकार उन्हीं नीतियों को लाठी -डंडे के दम पर आगे बढ़ा रही है जिन्हें पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार लाने की कोशिश में लगी थी। उत्तराखण्ड राज्य में अभी सत्ता में बैठी कांग्रेस भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ सिर्फ विरोध का नाटक कर रही है। उत्तराखण्ड में कांग्रेस ने जमीन की लूट मचा रखी है। बिन्दुखत्ता में नगरपालिका लागू करवाना इसी भूमि हड़प अभियान का हिस्सा है।
सभा में ललित मटियाली, गोविन्द जीना, पुष्कर दुबडि़या, केदारीराम, त्रिलोक राम, अजय कुमार, दीपक दानू, खीम सिंह, विमला रौंथाण, निर्मला शाही, आनन्दी देवी, शंकर जोशी, नारायण नाथ, बिशनदत्त जोशी, कमल, अजय, प्रभात पाल, महेश, पनीराम, पान सिंह दानू, राजेन्द्र शाह सहित तमाम लोग मौजूद थे।

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