২০০২ সালে গুজরাটে গুলবার্গ সোসাইটি গণহত্যায় এসঅাইটি-র বিশেষ অাদালতের সাম্প্রতিক রায়টি হল বিচারের এক বড় প্রহসন। এই রায় কেবলমাত্র গণহত্যার মূল মাথাগুলোকে বেকসুর খালাসই করেনি, গণহত্যার চক্রান্তকারীদের ছাড় দিয়ে অাক্রান্তদের
देहारादून मे विनियमितिकरण एवं अन्य मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे उपनल कर्मियों पर लाठीचार्ज की भाकपा (माले) तीव्र निंदा करती है। उपनल कर्मियों पर हुए इस बर्बर लाठीचार्ज ने
सिडकुल को मजदूरों की खुली जेल में तब्दील करना बंद करो!
श्रम-कानून लागू करो!!
के. के. बोरा के हमलावरों को गिरफ्तार करो !!!
राज्य सरकार के मजदूर विरोधी दमनकारी रुख और
পাটনার নামকরা কলেজ অফ অার্টস এ্যান্ড ক্রাফটসের উজ্জ্বল ছাত্র নীতীশ কুমারের অাত্মহত্যার চেষ্টা রোহিত ভেমুলা অাখ্যানের স্মৃতিকে জাগিয়ে তুলেছে। হায়দ্রাবাদে যা ঘটেছে এবং পাটনায় যা ঘটে চলেছে এই দুইয়ের মধ্যে
গুলবার্গ সোস্যাইটি গণহত্যায় আহমেদাবাদ বিশেষ আদালতের রায়ে ২৪ জনকে অভিযুক্ত করা হয়েছে এবং ৩৬ জনকে বেকসুর খালাস দেওয়া হয়েছে এবং “প্রমাণের অভাবে” ষড়যন্ত্রের অভিযোগকে বাতিল করা হয়েছে। ঐ রায় কিন্তু
बिन्दुखत्ता , 24 जून 2016
भाकपा(माले) ने आज कार रोड चैराहे, बिन्दुखत्ता पर मोदी सरकार के रक्षा, रिटेल, फार्मा, केबल नेटवर्क सहित तमाम क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.)
একজন খ্যাতনামা সমাজতত্ত্ববিদ একটি নিবন্ধে লিখেছিলেন, ভারতের সংবিধানে প্রদত্ত “মৌলিক অধিকারগুলো” (ফান্ডামেন্টাল রাইটস) বস্তুত “হ্যাঁ-সূচক” (পজিটিভ) নয়, বরং বলা ভালো “নেগেটিভ” (না-সূচক)। কথাটা বুঝতে একটু সময় লাগতে পারে ভেবে তিনি
নরেন্দ্র মোদীর অতিমানবের ভাবমূর্তি নির্মাণে এবং তার হাতে ‘উন্নয়নের’ জাদুদন্ড থাকার আষাঢ়ে গল্প ছড়াতে প্রচার মাধ্যম কোমর বেঁধে নামে এবং এর উপর ভিত্তি করেই মোদী ক্ষমতায় আসেন। দু-বছর ক্ষমতায় থাকার
प्रेस हैंड आउट
बिहार की तथाकथित सामाजिक न्याय की सरकार दलित छात्रों को कर रही आत्महत्या के लिए मजबूर -दीपंकर
शिक्षा में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार, अराजकता व अनियमितता के खिलाफ शिक्षा सुधार
'ऐक्टू से सम्बद्ध उत्तराखण्ड आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन द्वारा आज अपने राज्यव्यापी प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत चम्पावत, बाराकोट, पाटी, टनकपुर, पिथौरागढ़, डीडीहाट, गंगोलीहाट, अल्मोड़ा, भिक्यासैंण आदि अनेक स्थानों में प्रदर्शन कर
২০১৬ সালের বিধানসভা নির্বাচন পশ্চিমবাংলার বামপন্থী কর্মীবাহিনী ও সমর্থকদের কাছে এক বিরাট প্রশ্ন রেখে গেল। এই প্রশ্নের সঠিক সমাধানের মধ্যেই খুঁজে নিতে হবে অাগামীদিনে বামপন্থী রাজনীতি ও অান্দোলনের অগ্রগতির পথনির্দেশ।
নির্বাচনী
रुद्रपुर, 05 जून 2016,
मजदूर नेता और "ऐक्टू" के प्रदेश महामंत्री के. के. बोरा पर हमले के सोलह दिन बीत जाने के बाद भी हमलावरों की गिरफ्तारी न होने के खिलाफ
हरिद्वार जिले के लंढौरा में जिस तरह से एक मामूली विवाद ने बड़े बवाल का स्वरुप लिया, वाम पार्टियाँ- भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) इस दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय समझती हैं. दूकान
अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले 25 मई को सैकड़ों किसानों ने उत्तराखंड में हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में महाधरना दिया और उपजिलाधिकारी हल्द्वानी के माध्यम से राज्य के
बिंदुखत्ता, 03 जून
अखिल भारतीय किसान महासभा ने उत्तराखंड में मजदूर आन्दोलन के नेता और एक्टू के प्रदेश सचिव के.के. बोरा पर जानलेवा हमला करने वाले हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग
बीती 20 मई को हल्द्वानी-रुद्रपुर हाईवे पर, पंतनगर में डाबर फैक्ट्री के सामने ऐसी घटना घटी, जो उत्तराखंड के शांत वातावरण को देखते हुए काफी खतरनाक मानी जानी चाहिए. सडक
গোটা ২০১৫ জুড়ে একের পর এক নির্বাচনী বিপর্যয়ের পর সাম্প্রতিক বিধানসভা নির্বাচনে বিজেপি অাবার বড় ধরনের সাফল্য অর্জন করল। পশ্চিমবাংলা ও কেরলে নিজের খাতা খোলা এবং এই দুটি রাজ্যে ভোট